हालात

उत्तराखंड: अब तक 15 मौत, 16 लापता, हरिद्वार में रेलवे ट्रैक पर आया मलबा, जानें बारिश-बादल फटने के बाद कैसे हैं हालात?

ताजा घटनाक्रम में हरिद्वार में पहाड़ से मलबा गिरकर रेलवे ट्रैक पर आ गया। सीओ जीआरपी हरिद्वार स्वप्निल मुयाल ने बताया कि लगातार बारिश से पहाड़ी कमजोर हो गई है, जिसकी वजह से यह तीसरी-चौथी बार मलबा गिरा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उत्तराखंड में मंगलवार को भारी बारिश और बादल फटने के बाद जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। देहरादून में भारी तबाही के बाद अब हरिद्वार में रेलवे ट्रैक पर मलबा गिरने से आवाजाही प्रभावित हुई है।

Published: undefined

हरिद्वार में मलबा गिरने से रेलवे ट्रैक बाधित

ताजा घटनाक्रम में हरिद्वार में पहाड़ से मलबा गिरकर रेलवे ट्रैक पर आ गया। सीओ जीआरपी हरिद्वार स्वप्निल मुयाल ने बताया कि लगातार बारिश से पहाड़ी कमजोर हो गई है, जिसकी वजह से यह तीसरी-चौथी बार मलबा गिरा है। हालांकि सड़क प्रभावित नहीं हुई, लेकिन ट्रैक को तुरंत साफ किया गया। रेलवे विभाग ट्रैक की मरम्मत में जुटा है।

Published: undefined

अब तक 15 की मौत, 16 लापता

देहरादून और उत्तराखंड के अन्य इलाकों में मंगलवार देर रात भारी बारिश और बादल फटने भारी तबाही हुई। नदियों के उफान और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, अब तक 15 लोगों की मौत, 16 लोग लापता हैं। 900 से अधिक लोग अलग-अलग जगहों पर फंसे थे जिन्हें रेस्क्यू टीमों ने सुरक्षित निकाला।

Published: undefined

देहरादून में सबसे ज्यादा तबाही

देहरादून जिले में 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों से एक-एक मौत की सूचना है। देहरादून के सहस्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और दालनवाला इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। सहस्रधारा में 192 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि मालदेवता में 141.5 मिमी, हाठी बरकला और जॉली ग्रांट में 92.5 मिमी और कालसी में 83.5 मिमी बारिश हुई।

बारिश से देहरादून-मसूरी मार्ग समेत कई सड़कें बह गईं और कई पुल भी ढह गए। पुलिस ने यात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं ठहरें और तब तक यात्रा न करें जब तक सड़कें पूरी तरह बहाल न हो जाएं।

Published: undefined

SDRF-NDRF का रेस्क्यू अभियान

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमों ने 900 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला।

देवभूमि इंस्टीट्यूट, पौंधा कैंपस में फंसे 400–500 छात्रों को रेस्क्यू कर निकाला गया।

एक युवक जो बाढ़ से बचने के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ गया था, उसे एसडीआरएफ के जवान ने अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी की मदद से सुरक्षित नीचे उतारा।

Published: undefined

धार्मिक स्थल भी डूबे

तेज बारिश से तमसा नदी (टोंस) का जलस्तर इतना बढ़ गया कि टपकेश्वर मंदिर जलमग्न हो गया। मंदिर परिसर में स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा के कंधे तक पानी पहुंच गया। मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने बताया कि पिछले 25-30 सालों में उन्होंने ऐसा जलस्तर कभी नहीं देखा।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined