उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को बादल फटने से आई तबाही के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्या के अनुसार, करीब 400 लोगों को कल धराली से निकाला गया था, जबकि आज 300 और लोगों को सुरक्षित निकालने का लक्ष्य है। सुबह से ही हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू शुरू जारी है और अब तक करीब 75 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
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सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, बीआरओ और स्थानीय प्रशासन मिलकर ऑपरेशन धराली के तहत बड़े पैमाने पर राहत अभियान चला रहे हैं। सेना के लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा 6 अगस्त से मौके पर मौजूद रहकर ऑपरेशन को सीधे निर्देशित कर रहे हैं।
सेना ने सैटेलाइट और रेडियो रिले कम्युनिकेशन बहाल कर दिया है, जिससे फंसे लोग अपने परिवारों से सैटेलाइट इंटरनेट के जरिए बात कर पा रहे हैं। साथ ही, इंजीनियर रेजीमेंट ने धराली और मुखवा गांव के बीच भगीरथी नदी पर फुटब्रिज बना दिया है, ताकि राहत सामग्री और बचाव दल आसानी से आवाजाही कर सकें।
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मातली हेलीपैड से लगातार दूसरे दिन हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। चिनूक, एमआई-17 और 8 निजी हेलीकॉप्टर भी राहत कार्य में लगे हैं। अब तक 112 लोगों को एयरलिफ्ट कर देहरादून भेजा गया है। गुजरात के बनासकांठा जिले के 10 तीर्थयात्रियों को भी सेना ने सुरक्षित निकालकर ऋषिकेश पहुंचा दिया है।
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जिलाधिकारी प्रशांत आर्या ने बताया कि धराली और हर्षिल में मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, जिनमें राज्य स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय स्वयंसेवक और सेना के डॉक्टर मिलकर घायलों का इलाज कर रहे हैं। हर्षिल में सामुदायिक रसोई शुरू हो चुकी है और धराली में आज से शुरू होगी, ताकि किसी को भोजन की कमी न हो।
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गंगनानी के पास पुल टूटने से मार्ग बंद था, जिसे बीआरओ की टीम ने स्टील वायर के सहारे नए पुल के निर्माण के साथ बहाल करना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन ने बताया कि दिन के अंत तक बिजली और इंटरनेट सेवा भी बहाल हो जाने की संभावना है।
फिलहाल, 49 लोग अब भी लापता हैं। मुख्यमंत्री खुद राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। SDRF, NDRF, ITBP, स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस और राजस्व विभाग की टीमें क्षेत्र के पूरी तरह खाली होने तक रेस्क्यू अभियान जारी रखेंगी।
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