हालात

NMP: आखिर क्यों लगाया है सरकार ने देश की संपत्तियों का बिग बाजार और क्यों किया जा रहा है इसका विरोध!

मोदी सरकार ने एक और विवादास्पद योजना शुरू की है-एनएमपी, यानी नेशनल मोनिटाइजेशन पाइपलाइन. इससे 6 लाख करोड़ रुपये की कमाई का इरादा है। लेकिन लगता है कि एक बार फिर लोगों को जुमला थमाकर चंद लोगों को ही फायदा पहुंचाने की है मंशा।

Getty Images
Getty Images Hindustan Times

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सरकार की नेशनल मॉनिटाइजेशन पाइपलाइन योजना का विरोध कर रहे हैं। उनका सीधा आरोप है कि सरकार देश की बरसों में अर्जित संपत्तियों को अपने कुछ खास उद्योगपतियों के हवाले कर मोनोपॉली यानी एकाधिकार को बढ़ावा देना चाहती है।

Published: undefined

आइए जानते हैं कि आखिर सरकार की पूरी योजना है क्या और इसका विरोध क्यों हो रहा है। साथ ही यह भी कि एयर इंडिया के निजीकरण की सरकारी कोशिशों का क्या नतीजा निकला है।

क्या है योजना?

कुछ समय के लिए किसी परियोजना का राजस्व अधिकार निजी क्षेत्र को देकर उसके बदले में पैसे लेना। इस तरह मिले पैसे को इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में लगाने की योजना।

मोनिटाइजेशन का मतलब?

एकमुश्त पैसे, राजस्व भागीदारी और परिसंपत्ति में निवेश की प्रतिबद्धता के बदले राजस्व अधिकार देना।

कौन से प्रोजेक्ट हैं शामिल?

रेलवे स्टेशन, ट्रेन संचालन और पटरियां, पावर ट्रांसमिशन लाइन, 26,700 कि लोमीटर सड़क, टूरसंचार टावर , हाइड्रोइलेक्ट्रिक और सोलर पावर संपत्ति, गैस पाइपलाइन वगैरह। सरकार ने 1,400 कि लोमीटर एनएच का 17,000 करोड़ का मोनिटाइजेशन पहले ही कर रखा है।

क्या है चुनौती?

एयर इंडिया और बीपीसीएल के निजीकरण की सुस्त रफ्तार देखते हुए कहा जा सकता है कि निजी निवेश आकर्षित करना उतना भी आसान नहीं। सरकार ने इस दिशा में कोशिशें तो की हैं लेकिन व्यवहार में उसे उतारना चुनौती से कम नहीं।

क्यों है विरोध?

कांग्रेस का कहना है कि मोदी ने जान-बूझकर एकाधिकार बनाने के लिए ऐसा किया है और इसका फायदा केवल 4-5 खास लोगों को होगा। सरकार अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पाई और उसे पता नहीं कि क्या करना चाहिए।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined