कनाडा ने सोमवार को कहा कि उसने "भय का माहौल" पैदा करने के कारण बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन की सूची में डाल दिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “हिंसा और आतंकी कृत्यों के लिए कनाडा में कोई जगह नहीं है, खासकर उन कृत्यों के लिए जिनमें भय का माहौल पैदा करने के लिए विशिष्ट समुदायों को निशाना बनाया जाता है।"
जन सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने सोमवार को कहा, "बिश्नोई गिरोह ने विशिष्ट समुदायों को निशाना बनाकर आतंक फैलाया, हिंसा की और धमकी दी। इस समूह को आतंकवादी घोषित करने से हमें उनके अपराधों से निपटने और उन्हें रोकने का अवसर मिलेगा।”
बिश्नोई गिरोह को इस सूची में शामिल करने के साथ ही अब कनाडा में आपराधिक संहिता के तहत सूचीबद्ध समूहों की संख्या 88 हो गई है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आतंकवादी सूची में शामिल करने से संघीय सरकार को संपत्ति, वाहन और धन पर रोक लगाने या जब्त करने की शक्ति मिल गई है। साथ ही कनाडाई कानून प्रवर्तन को आतंकवाद के वित्तपोषण व भर्ती के संबंध में मुकदमा चलाने के लिए अतिरिक्त कारण मिल गए हैं।
कनाडा में या विदेश में रहने वाले किसी भी कनाडाई नागरिक के लिए जानबूझकर किसी आतंकवादी समूह के स्वामित्व वाली या उसके नियंत्रण वाली संपत्ति का लेन-देन करना एक अपराध है।
लॉरेंस बिश्नोई के नेतृत्व वाला बिश्नोई गिरोह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठन है जो मुख्य रूप भारत में सक्रिय है। बयान में कहा गया है कि उनकी कनाडा में मौजूदगी है और वे उन इलाकों में सक्रिय हैं जहां प्रवासी समुदाय बड़ी संख्या में हैं।
कनाडा पुलिस ने कुछ जबरन वसूली के मामलों को इस गिरोह से जोड़ा है। समूह का सरगना भारत की जेल में है। बयान में कहा गया है, "बिश्नोई गिरोह हत्या, गोलीबारी और आगजनी के मामलों में लिप्त है और जबरन वसूली व धमकी के जरिए आतंक फैलाता है। वे प्रवासी समुदाय के सदस्यों, व्यवसायों और सांस्कृतिक हस्तियों को निशाना बनाकर उनके बीच असुरक्षा का माहौल बनाते हैं।"
बयान में कहा गया है, "बिश्नोई गिरोह को सूचीबद्ध करने से कनाडाई सुरक्षा, खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उसके अपराधों से निपटने और समुदायों की सुरक्षा में मदद मिलेगी।"
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रूस ने रविवार रात यूक्रेन पर ड्रोन और मिसाइलें बरसाईं जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए और 70 लोग घायल हो गए। इसे कीव पर अबतक का सबसे भीषण हमला माना जा रहा है। इससे पहले पिछले महीने यूक्रेन की राजधानी पर एक बड़ा हवाई हमला किया गया था जिसमें कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई थी।
हमलों के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइल बेचने पर विचार कर रहा है।
कीव शहर प्रशासन के प्रमुख तैमूर तकाचेंको ने रविवार को टेलीग्राम के ज़रिए हताहतों की संख्या की पुष्टि की और बताया कि शहर भर के नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर किए गए इन हमलों में 10 अन्य घायल हुए हैं। मृतकों में 12 साल की बच्ची भी शामिल है। तकाचेंको ने टेलीग्राम पर लिखा, ‘‘ रूसियों ने बच्चों की मौत का खेल फिर से शुरू कर दिया है।’’
यूक्रेन की वायु सेना ने रविवार को बताया कि रूस ने कुल 595 विस्फोटक ड्रोन और नकली हथियार और 48 मिसाइलें दागीं। इनमें से हवाई रक्षा प्रणालियों ने 566 ड्रोन और 45 मिसाइलों को मार गिराया या जाम कर दिया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि कीव के अलावा ज़ापोरिजिया, खमेलनित्सकी, सुमे, मायकोलाइव, चेर्निहीव और ओडेसा क्षेत्रों को निशाना बनाकर बमबारी की गई।
ज़ेलेंस्की ने एक्स पर लिखा कि देश भर में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं। बाद में, यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने बताया कि घायलों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है।
ज़ापोरिजिया के क्षेत्रीय प्रमुख इवान फेदोरोव ने कहा कि क्षेत्र में घायल हुए 27 लोगों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राजधानी में दो दर्जन से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
यूक्रेन और रूस के बीच जारी हमलों के मध्य अमेरिका यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें बेचने पर विचार कर रहा है।
वेंस ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिकी प्रशासन यूक्रेनी राष्ट्रपति द्वारा टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों के लिए किए गए अनुरोध पर विचार कर रहा है। टॉमहॉक मिसाइलों की मारक क्षमता लगभग 1,000 मील (1,600 किलोमीटर) है, जिससे मास्को यूक्रेन की सेना की पहुंच में आ जाएगा।
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'जेन-जेड' विरोध प्रदर्शनों के दौरान नेपाल की विभिन्न जेलों से भागे 7,700 से अधिक कैदी या तो वापस लौट आए हैं या उन्हें उनके संबंधित हिरासत केंद्रों में वापस लाया गया है। प्राधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
जेल प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आठ और नौ सितंबर को 'जेन-जेड' विरोध प्रदर्शनों के दौरान, देश भर के हिरासत केंद्रों से कुल 14,558 कैदी भाग गए थे।
सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान दस कैदियों की मौत हो गई है, जबकि 7,735 कैदी जेलों में लौट आए हैं। कुछ कैदी स्वेच्छा से वापस लौट आये हैं, जबकि अन्य को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, विभिन्न जेलों से 6,813 कैदी अभी भी फरार हैं। सरकार ने फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
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