विचार

विष्णु नागर का व्यंग्यः भक्तों के भी अच्छे दिन आकर रहेंगे, आगे अब मोदी ही मोदी आते रहेंगे!

हर मोदी पिछले मोदी की तरह अर्थव्यवस्था को पटक कर जमीन पर ऐसे दे मारेगा कि गरीब का नामोनिशान नहीं बचेगा। हर मोदी नोटबंदी करवाएगा। हर मोदी के अपने अडाणी-अंबानी होंगे, हर मोदी अपने राममंदिर का शिलान्यास करवाएगा और उसे ही भक्तों से असली राममंदिर मनवाएगा!

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

हताश और परेशान बिलकुल न होंं- अच्छे दिन आएंगे और मोदीजी जैसे 'अच्छे दिन' ला रहे थे, उससे भी अधिक 'अच्छे दिन' आएंगे और हिन्दू-मुसलमान सबके आएंगे। किसी को शिकायत नहीं रहेगी कि इनके तो आ गए, हमारे नहीं आए! वैसे अभी केवल मुसलमानों, दलितों, किसानों, मजदूरों को ही 'अच्छे दिन' की यह 'सुविधा' प्राप्त है, मगर निराश न हों। 'अच्छे' क्या, 'बहुत ही अच्छे दिन' भक्तों, तुम्हारे भी आएंगे। इतने अच्छे दिन आएंगे कि तुम सारी चौकड़ी भूल जाओगे।

18-18 घंटे काम करने के बावजूद मान लो, मोदीजी अपने मिशन में कामयाब नहीं हो पाए, किसान इत्यादि उनके रास्ते में रोड़े अटकाते रहे तो भी चिंता मत करो। आगे भी अब मोदी ही आएंगे। मोदी ही मोदी आएंगे। मोदी प्रथम, मोदी द्वितीय, मोदी तृतीय, चतुर्थ, पंचम आदि आते रहेंगे। तब ऐसा लगेगा कि मोदी प्रथम भले ही बुलेट ट्रेन ला रहा था, मगर 'अच्छे दिन' तो वह बेचारा, पैसेंजर ट्रेन की गति से ही ला रहा था। आने वाले मोदी जब आने वाले दिनों में सुपरसोनिक विमान की गति से अच्छे दिन लाएंगे तो इस मोदी को लोग भूल जाएंगे, चाहे ये जितने मंदिर बनवा लें या जितने नये संसद भवन बनवा लें!

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बस थोड़े धैर्य की जरूरत है। हां फलां देशद्रोही है, फलां अर्बन नक्सल है, फलां खालिस्तानी है, फलां पाकिस्तानी है, इसका भजन भक्तों तुम जारी रखो। विरोध करने वाले हर आदमी को देश का दुश्मन बताते रहो, तुम्हें भी तो अपने 'अच्छे दिन' लाने हैं! तुम मोदी-मोदी, हिन्दू-हिन्दू करते रहो और मोदी को अडाणी-अंबानी करने दो। फिर तो अपने आप इतने ज्यादा 'अच्छे दिन' आएंगे कि तुम त्राहिमाम-त्राहिमाम करोगे कि हमें 'अच्छे दिन' नहीं चाहिए, हम तो दूसरों के 'अच्छे दिन' चाहते थे।तुम छिपते फिरोगे। 'अच्छे दिन' तुम्हारे पीछे पड़ जाएंगे। कहां भागा जाता है रे बच्चू 'अच्छे दिनों' का आनंद तू भी तो लेता जा!

'अच्छे दिन' का अभी तक लुत्फ मुसलमान-दलित-किसान-मजदूर ही उठा रहे हैं। अगले वक्तों के मोदी इसका स्वाद मोदी भक्तों को भी अच्छी तरह चखाएंगे। मोदी प्रथम के भक्त मना करेंगे कि अब और नहीं, हमारा पेट फूटकर फट जाएगा तो भी मोदी तृतीय या चतुर्थ या क्या पता द्वितीय ही कहे कि नहीं, फूटे या फटे, मेरी बला से। मैं तो इस मामले में सेक्युलर हूं। मैं मोदी प्रथम की तरह भेदभाव में विश्वास नहीं करता!

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वैसे भी 'अच्छे दिन' लाने में तुम्हारा ऐतिहासिक योगदान रहा है तो तुम्हें भी इनका आनंद उठाना चाहिए। जो दूसरों का 'भला' करता है, उसका 'भला' भी होना मंगता! अरे तुमने मोदी प्रथम को तो वोट देकर बनाया था। हमें तो नहीं बनाया है न! हमें अब तुम्हारे ही क्या, किसी के भी वोट की जरूरत नहीं। तुम तो बस 'अच्छे दिन' का स्वाद इतने मजे से लो कि तुम्हारी सात पीढ़ियां याद रखें कि वह भी भैया तगड़ा मोदी था। हम दूसरों के 'अच्छे दिन' लाए थे और ये मोदी हमारे भी 'अच्छे दिन' ले आया। ऐसे 'अच्छे दिन' लाया है ये हमारे कि किसी दुश्मन के भी कोई न लाए!

भक्तों, इस प्रकार हमारी तरह तुम्हारा भविष्य भी बहुत उज्ज्वल है। इतने 'अच्छे दिन' आएंगे कि तुम्हारे भी कि मोदी-भक्ति क्या, तुम कौन थे, क्या हो गए, यह भी भूल जाओगे। किसान भी एमएसपी और इन तीन कानूनों की बात छोड़ो, किसानी करना तक भूल जाएंगे। मजदूर, मजदूरी मांगना और मालिक देना भूल जाएंगे। हिन्दूवादी तुम हिन्दूत्व लाना क्या, यह शब्द मुंह पर लाना तक भूल जाओगे!

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जिन पर धर्म और जाति का भूत चढ़ा है, उतर कर जमीन पर लोट लगाएगा। हर मोदी पिछले मोदी की तरह अर्थव्यवस्था को पटक कर जमीन पर ऐसे दे मारेगा कि गरीब का नामोनिशान नहीं बचेगा। हर मोदी नोटबंदी करवाएगा। हर मोदी अदृश्य हंटर लेकर आएगा, पिछले मोदी को बत्ती लगाकर जाएगा। हर मोदी पिछले मोदी से एक दर्जा अधिक नीचे होगा। कहेगा कुछ, करेगा कुछ!

तब अकेला मोदी ही खाएगा, मोदी ही पिएगा, मोदी ही मौज मनाएगा और पूरे हिन्दुस्तान में उस मोदी को भी केवल वही ही वही नजर आएगा। आक्सीजन तब केवल उसे ही नसीब होगी, मगर कार्बन डाई आक्साइड का वह मुफ्त वितरण करवाएगा। हर मोदी के अपने अडाणी-अंबानी होंगे, इनको कोई धेले भर भी नहीं पूछेगा। हर मोदी अपने राममंदिर का शिलान्यास करवाएगा और उसे ही तुमसे असली राममंदिर मनवाएगा!

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हर मोदी के अपने भक्त होंगे। हर मोदी के अपने गोदी चैनल, अपने एंकर होंगे। हर दस साल के बाद बतर्ज इस मोदी, वह मोदी भी नया संसद बनवाएगा। हर मोदी हर पांच साल पर अपना नया बंगला बनवाएगा। हर मोदी, हर अमेरिकी राष्ट्रपति से होड़ लेते हुए अपने लिए हवाई जहाज खरीदवाएगा। हर मोदी अपने से पहले के सभी मोदियों को जलील करके जाएगा। हर मोदी अपने 'मन की बात' कहेगा, जो दरअसल उस समय के अडाणी-अंबानी के 'मन की बात' होगी!

हर मोदी नफरत इतनी फैलाएगा कि मोदी द्वितीय, मोदी प्रथम से, मोदी तृतीय, मोदी द्वितीय से होड़ लेगा। किसी को नहीं बख्शा जाएगा। पहले वाले मोदी की मूर्ति वह खुद गेंती से ढहाएगा और करोड़ों लोग इस पर भी ताली बजाएंगे। वह कहेगा, कहा था न मैंने भी कि 'अच्छे दिन' लाऊंगा, लो लाकर तुम्हारे सामने धर दिए। लो अब इसे भी चुपचाप झेलो। उसे झेला था, मुझे क्यों नहीं झेलोगे!नहीं झेलोगे तो मैं उससे भी आगे जाऊंगा, जितना आगे, मेरे पहले वाला गया था।

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आज जो सोलह या अट्ठारह बरस के हैं, वे जब अस्सी या नब्बे के होंगे, तब यथार्थ को देख लेंगे। जैसे आज हम देख रहे हैं कि कोरोना ऐसा कहर ढाएगा, इसकी कल्पना हमे नहीं थी, वैसे ही उन सुपरफाइन अच्छे दिनों की कल्पना करना भी कठिन है, लेकिन अच्छे दिन जरूर आएंगे। न्यू क्या न्यू इंडिया का सुपर दादाजी इंडिया बनेंगे। इंडिया दैट इज भारत!

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