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हिमाचल प्रदेश: शिमला के प्रमुख स्कूल के पास भूस्खलन, खतरे की जद में बहुमंजिला इमारत, दो दिनों के लिए स्कूल बंद

हिमलैंड में पहाड़ी इलाके पर स्थित एक घर भूस्खलन के कारण खतरे में है। यह इलाका लगातार भूस्खलन का शिकार हो रहा है। इससे पहले इस इलाके में मंगलवार को भी भारी भूस्खलन हुआ था।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया -

हिमाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। इसके तबाही से लोगों का जीना मुहाल है। इस बीच शिमला में एक प्रमुख स्कूल के पास भूस्खलन हुआ, जिसके बाद प्रशासन ने संस्थान को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया। भूस्खलन हिमलैंड क्षेत्र में सेंट एडवर्ड्स स्कूल के पास हुआ। यह स्कूल यहां के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है।

  • हिमाचल में बारिश और बाढ़ का कहर जारी

  • शिमला में एक प्रमुख स्कूल के पास भूस्खलन

  • प्रशासन ने संस्थान को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया

  • यह स्कूल यहां के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है

  • इस साल राज्य में 46 बादल फटने की घटना

  • 98 अचानक बाढ़ और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई

  • इस तबाही में अब तक 424 लोग मारे गए हैं

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एक घर भूस्खलन के कारण खतरे में

शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार और शनिवार को स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है।

हिमलैंड में पहाड़ी इलाके पर स्थित एक घर भूस्खलन के कारण खतरे में है। यह इलाका लगातार भूस्खलन का शिकार हो रहा है। इससे पहले इस इलाके में मंगलवार को भी भारी भूस्खलन हुआ था।

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बादल फटने और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बारिश से संबंधित नुकसान की नई घटनाएं सामने आई हैं। अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार रात किन्नौर जिले के थाच गांव में बादल फटने से दो वाहन दब गए।

शिमला के कुमारसैन क्षेत्र की करेवथी पंचायत में बृहस्पतिवार शाम जमीन धंसने से एक तीन मंजिला इमारत ढह गई।

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इन जिलों में जानें कितनी हुई बारिश?

राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई। नैना देवी में बृहस्पतिवार शाम से 158.6 मिमी बारिश हुई, इसके बाद नाहन में 38.2 मिमी, भटियात में 37.1 मिमी, बलद्वारा में 28 मिमी, काहू में 23.5 मिमी और बिलासपुर में 20 मिमी बारिश हुई।

मौसम विभाग के अनुसार, शिमला, कांगड़ा, भुंतर, मुरारी देवी और सुंदरनगर में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि ताबो और बजौरा में 35 से 39 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं।

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इस साल 46 बादल फटे, 98 अचानक बाढ़ आई और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं

इस साल मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में 46 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़ और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिनमें 424 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में से 242 लोगों की जान बारिश से जुड़ी घटनाओं में और 182 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में गई। लगभग 481 लोग घायल हुए हैं, जबकि 45 अभी भी लापता हैं।

शुक्रवार सुबह तीन राष्ट्रीय राजमार्गों, एनएच 3 (अटारी-लेह मार्ग), एनएच-5 (पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) सहित कुल 555 सड़कें बंद कर दी गईं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, कुल्लू में सबसे ज्यादा 203 सड़कें, मंडी में 158 और शिमला जिले में 50 सड़कें बंद हैं।

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एसईओसी की रिपोर्ट के अनुसार 162 बिजली और 197 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं जिसके कारण अब तक लगभग 4,749 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि 1604 घर नष्ट हो गए, जबकि 7025 घरों को आंशिक क्षति हुई।

हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 19 सितंबर तक चालू मानसून सीजन के दौरान 701.7 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले औसतन 1021.6 मिमी वर्षा हुई, जो 46 प्रतिशत अधिक है।

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