उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती साल 2024 के आगाज के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सक्रीय होने वाली हैं। चर्चा है कि चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए वह जनवरी से उत्तर प्रदेश का दौरा शुरू कर सकती हैं। राज्य के दौरे से उन्हें जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधे फीडबैक मिलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ऐसे दो राज्य हैं, जिनकी देखरेख मायावती खुद करेंगी जबकि अन्य राज्यों में पार्टी ने या तो प्रभारी और समन्वयक नियुक्त कर दिए हैं या ऐसा करने की प्रक्रिया में है।
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पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि इससे पार्टी को आगामी आम चुनावों के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी और चुनावों के लिए उम्मीदवार भी तय होंगे। यह यूपी में पिछले दो चुनावों- 2022 विधानसभा चुनाव और 2023 शहरी स्थानीय निकाय चुनावों से उनकी चुनावी रणनीति में एक बड़ा बदलाव हो सकता है, जहां उन्होंने ज्यादा प्रचार नहीं किया था। पार्टी ने दोनों चुनावों में खराब प्रदर्शन किया।
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उन्होंने कहा कि मायावती को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 'जबरदस्त' समर्थन मिला, जहां उन्होंने 20 रैलियां कीं। चार राज्यों में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए और मायावती अपनी पार्टी के अभियान की कमान संभाल रही थीं। सूत्रों ने कहा कि उनकी उपस्थिति ने कैडर को प्रेरित किया। सूत्रों ने कहा, ''यूपी में पार्टी के लोग बहनजी से मिलना चाहते हैं और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहते हैं।''
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हाल ही में हुई कई पार्टी बैठकों में, मायावती ने समय से पहले लोकसभा चुनाव की आशंका जताई है और पार्टीजनों से इसके लिए तैयार रहने को कहा है। जब वह राज्य का दौरा करेंगी तो वह जमीनी स्तर पर पार्टीजनों से सीधे फीडबैक लेंगी। हाल ही में, पार्टी में इस बात को लेकर असंतोष बढ़ रहा है कि मायावती को उनके और पार्टी में अन्य लोगों के बीच माध्यम के रूप में काम करने वाले जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और समन्वयकों से 'काट' दिया गया है।
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उत्तर प्रदेश में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक न केवल पर्याप्त सीटें जीतना है, बल्कि जो सीटें उसके पास हैं उन्हें बरकरार रखना भी है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ी गई 38 सीटों में से 10 सीटें जीती थीं। 2014 में यह शून्य रही। 2009 में उसने यूपी में 20 सीटें जीती थीं।
आगामी लोकसभा चुनाव मायावती के लिए इस मायने में भी महत्वपूर्ण होंगे कि उनकी पार्टी बीएसपी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में यूपी में अपना अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन दर्ज किया था, केवल एक सीट जीती थी और मात्रा 12.8 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई थी।
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