विज्ञान

बुजुर्गों में कम हो सकता है दिल संबंधी बीमारियों का खतरा, सिर्फ तीन मिनट के लिए करना है ये काम

अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना थोड़ी-बहुत मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधियां करते थे, उन्हें हृदय संबंधी बीमारी होने या उससे मरने का खतरा कम था।

फोटो: IANS
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एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दिन में केवल तीन मिनट की हल्की-फुल्की गतिविधि भी बुजुर्ग लोगों में दिल का स्वास्थ्य बेहतर बनाने में योगदान दे सकती है। पहले के अध्ययन से यह साबित हुआ है कि जैसे ही लोगों की उम्र बढ़ती है, वे शारीरिक गतिविधियों में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रहते हैं, जिससे उन्हें कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं बढ़ सकती हैं।

यूके और ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया कि घर के रोज़मर्रा के काम या शॉपिंग करना जैसी छोटी लगने वाली चीजें भी शारीरिक सक्रियता को बढ़ाती हैं और स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती हैं। आकस्मिक शारीरिक गतिविधि (आईपीए) में दैनिक जीवन की गतिविधियां शामिल हैं और इसमें भोजन तैयार करना, घर को साफ रखना, लॉन की घास काटना या बागवानी करना शामिल है।

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यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं ने कहा, "दैनिक आईपीए या हल्की-फुल्की गतिविधियों के जरिए दिल की बीमारियों में राहत पाई जा सकती है। यह खासकर उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है जो सही तरीके से निर्धारित की गई एक्सरसाइज नहीं कर पाते।"

जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, टीम ने 24,139 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया। इन लोगों ने कलाई पर मॉनिटर्स बांधे थे, जिससे उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके। यह ऐसे लोग थे जो एक्सरसाइज नहीं करते थे। इन लोगों के आंकड़ों की तुलना उन लोगों से की गई जो नियमित रूप से मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधि करते थे, और उन लोगों से भी की गई जो कम या ज्यादा सक्रिय थे।

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अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना थोड़ी-बहुत मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधियां करते थे, उन्हें हृदय संबंधी बीमारी होने या उससे मरने का खतरा कम था।

विशेष रूप से, टीम ने पाया कि जो लोग दिन में कम से कम तीन मिनट के लिए मध्यम रूप से सक्रिय रहते थे, उनमें दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य हृदय संबंधी घटनाओं की संभावना कम हो जाती थी।

शोधकर्ताओं ने कहा कि जरूरी यह है कि हर दिन कई बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश की जाए।

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