दक्षिण अफ्रीका से दोनों टेस्ट मैच में हार झेलने के बाद भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) तालिका में पांचवें स्थान पर खिसक गया है जिससे उसकी फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है।
बुधवार को गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में 408 रन से मिली हार, पारंपरिक पांच दिवसीय प्रारूप में रनों के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी हार है।
इस साल के शुरू में इंग्लैंड में श्रृंखला बराबर करने वाली भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका से मिली हार के बाद पाकिस्तान से नीचे पांचवें स्थान पर खिसक गई है और उसका पीसीटी (प्रतिशत) 48.15 पर आ गया है।
भारत ने मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में नौ टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से चार जीते, चार हारे और एक ड्रॉ रहा। भारतीय टीम अब अगले साल अगस्त में दो टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए श्रीलंका का दौरा करेगी और उसके बाद अक्टूबर-नवंबर में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ श्रृंखला खेलेगी।
दूसरी तरफ भारत में 25 वर्ष में पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका ने तालिका में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
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साउथ अफ्रीका ने भारत के खिलाफ बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच को 408 रन के अंतर से गंवा दिया। बतौर कप्तान ऋषभ पंत ने अपनी पहली सीरीज गंवाई। पंत का मानना है कि एक टीम के तौर पर भारतीय खिलाड़ियों को बेहतर होना होगा।
सीरीज गंवाने के बाद ऋषभ पंत ने कहा, "यह हार निराशाजनक है। एक टीम के तौर पर हमें बेहतर होने की जरूरत है। आपको विरोधी टीम को श्रेय देना होगा कि उन्होंने हमसे बेहतर क्रिकेट खेला। आप जानते हैं, इस तरह की सीरीज में अगर आप बहुत ज्यादा सोचते हैं, तो आपको सीखना होगा और एक टीम के तौर पर टिके रहना होगा।"
पंत ने स्वीकारा है कि मेहमान टीम ने सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से साउथ अफ्रीका ने सीरीज में दबदबा बनाया, लेकिन आप क्रिकेट को हल्के में नहीं ले सकते। भविष्य में हम बेहतर होंगे और इससे सीखेंगे।"
उन्होंने कहा, "मैच में ऐसे पल आते हैं जब आपको एक टीम के तौर पर, एक बैटिंग यूनिट के तौर पर फायदा उठाना होता है, लेकिन एक टीम के तौर पर हम लंबे समय तक उनका फायदा नहीं उठा सके। इसकी वजह से हमें पूरी सीरीज गंवानी पड़ी। मुझे लगता है कि सकारात्मक बात यह होगी कि हम अपने प्लान पर फोकस करेंगे, और हमें उसमें बेहतर होना होगा।"
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आलोचनाओं से घिरे भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने बुधवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में मिली करारी हार के बाद उनके भविष्य पर फैसला भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को करना है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल में टीम ने कितनी सफलता हासिल की है।
गंभीर बुधवार को यहां दूसरे टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के हाथों 408 रन से मिली शर्मनाक हार के बाद बोल रहे थे, जिससे मेहमान टीम ने श्रृंखला 2-0 से अपने नाम कर ली।
गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मेरे भविष्य का फैसला बीसीसीआई को करना है। मैने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में भी कहा था जब मैं मुख्य कोच बना था । भारतीय क्रिकेट अहम है, मैं नहीं । आज भी मैं वही बात कह रहा हूं ।’’
उन्होंने कहा,‘‘ लोग भूल जाते हैं लेकिन मैं वही व्यक्ति हूं जिसने युवा टीम के साथ इंग्लैंड में आपको अनुकूल परिणाम दिलाए । मुझे यकीन है कि आप जल्दी ही भूल जाओगे क्योंकि अधिकांश लोग न्यूजीलैंड (पिछले महीने भारत में 0 . 3 से मिली हार) के बारे में बात करते रहते हैं । मैने चैम्पियंस ट्रॉफी और एशिया कप में भी जीत दिलाई है ।’’
गंभीर ने दक्षिण अफ्रीका से 0-2 से मिली हार के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘दोष सभी का है और इसकी शुरुआत मुझसे होती है। हमें बेहतर खेल दिखाना होगा। पहली पारी में एक समय हमारा स्कोर एक विकेट पर 95 रन था जो सात विकेट पर 122 रन हो गया। यह स्वीकार्य नहीं है।’’
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दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने भारत को ‘घुटने के बल लाने’ के कोच शुकरी कोनराड के विवादित बयान को तूल नहीं देते हुए कहा कि मुख्य कोच अपनी टिप्पणी पर गौर करेंगे ।
अनिल कुंबले और डेल स्टेन समेत भारत और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ियों ने ‘ग्रोवेल’ (सीने के बल लेटना या रेंगना) शब्द के इस्तेमाल को लेकर कोनराड की आलोचना की थी चूंकि इस शब्द का ऐतिहासिक संदर्भ है ।
बावुमा ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में इस बारे में पूछे जाने पर कहा ,‘‘ मुझे सुबह ही कोच के बयान के बारे में पता चला । मेरा ध्यान मैच पर था तो उनसे बात करने का मौका नहीं मिला । शुकरी 60 साल के होने वाले हैं और वह अपने बयान पर गौर करेंगे ।’’
कोलकाता में पहले टेस्ट में जसप्रीत बुमराह द्वारा उन्हें ‘बौना’ कहे जाने का जिक्र करते हुए बावुमा ने कहा ,‘‘ लेकिन इस श्रृंखला में कुछ खिलाड़ियों ने भी सीमा पार की है । मैं यह नहीं कर रहा कि कोच ने सीमा पार की है लेकिन वह अपने बयान पर गौर करेंगे ।’’
वेस्टइंडीज टीम जब 1976 में इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला खेलने आई थी, तब इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान टोनी ग्रेग ने एक इंटरव्यू में कहा था ,‘‘ मैं उन्हें घुटने के बल लाना (ग्रोवेल) चाहता हूं ।’
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श्रीलंका के कप्तान चरित असलांका का पाकिस्तान का दौरा बीच में छोड़ना देश के क्रिकेट बोर्ड को नागवार गुजरा है जिससे अगले साल के शुरू में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले उनकी कप्तानी खतरे में पड़ गई है।
उनकी जगह दासुन शनाका को कप्तान नियुक्त किया गया है।
असलांका पाकिस्तान में द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में टीम की कप्तानी कर रहे थे। वह दौरा बीच में रद्द करने के पक्ष में थे और उन्होंने इस्लामाबाद में हुए आत्मघाती बम विस्फोट के बाद कथित तौर पर अपने कुछ साथियों को टूर्नामेंट से हटने और स्वदेश लौटने के लिए प्रोत्साहित किया था।
यह बात श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) को रास नहीं आई और उसने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
श्रीलंका की टीम को पाकिस्तान में रुकने के लिए मना दिया गया था लेकिन बाद में घोषणा की गई कि असालंका खराब स्वास्थ्य के कारण स्वदेश लौट रहे हैं और शनाका कप्तानी संभालेंगे।
पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ
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