देश में कोयले की किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक नया नियम लागू किया है। ऑटोमैटिक पासथ्रू मॉडल के तहत, अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब ईंधन की कीमतें बढ़ेंगी, तो राज्य की बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम को बिजली खरीदने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
ऐसे में जब दुनिया में ईंधन की कीमतें बढ़ेंगी, तो ऊर्जा उत्पादन करने वाली कंपनियों की लागत में भी इजाफा होगा। इसकी वजह से ही वे ग्राहकों के लिए बिजली का दाम बढ़ाकर इसकी भरपाई करने की कोशिश करेंगी।
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