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वीडियो: जानिए आतंक के आका हाफिज सईद की कुंडली और कारनामों की पूरी कहानी

हाफिज ने भारत के खिलाफ कई आतंकी हमले करवाए, लेकिन 11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए हमलों के बाद लश्कर-ए-तैयबा पर दुनिया की नजरें टिकीं और अमेरिका ने लश्कर को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

आतंक के आका हाफिज सईद को आज पाकिस्तान के लाहौर से गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि जानकार इसे पाकिस्तान का दिखावा कह रहे हैं। आज हम आपको लश्कर मुखिया हाफिज सईद की कुंडली और कारनामों की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं। हाफिज ने भारत के खिलाफ कई आतंकी हमले करवाए, लेकिन 11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए हमलों के बाद लश्कर-ए-तैयबा पर दुनिया की नजरें टिकीं और अमेरिका ने लश्कर को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया। 2002 में पाकिस्तानी सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिए। उसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रखा, हालांकि हाफिज सईद इस बात से इनकार करता है कि जमात-उद-दावा का लश्कर से कोई संबंध है।

पाकिस्तान में भी जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध है लेकिन वह जिहाद के लिए पैसा जुटाता है, उसका प्रमुख हाफिज सईद खुलेआम जिहाद के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करता रहता है।

हाफिज ने अपने आतंकवादी संगठनों के जरिए भारत में कई आतंकी हमले करवाए। 22 दिसंबर 2000 को लश्कर-ए-तैयबा के छह आतंकियों ने रात में लालकिले पर हमला किया था। इस हमले में सेना के दो जवान शहीद हो गए थे । इसके बाद 13 दिसंबर 2001 को लश्कर के आतंकियों ने संसद पर हमला किया। दिल्ली पुलिस के जवानों ने बहादुरी से उनका सामना करते हुए पांचों आतंकियों को ढेर कर दिया था। इस कार्रवाई में आठ पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे। हमले को पाकिस्तान में बैठे लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं के इशारे पर अंजाम दिया गया था।

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24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों ने गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर पर हमला किया था। इन आतंकियों ने मंदिर में हथियार और हथगोलों से हमला किया था। हमलावरों को एनएसजी के कमांडो ऑपरेशन में मार गिराया गया था। इस हमले में 30 लोग मारे गए थे।

29 अक्टूबर 2005 को राजधानी दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए। इन सीरियल बम धमाकों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इन धमाकों में 62 लोग मारे गए थे और करीब 210 घायल हुए थे।

हाफिज ने साल 2008 में 26 नवंबर को एक बार फिर भारत पर हमला करवाया। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और उन्होंने अलग-अलग जगहों पर 164 बेगुनाह लोगों की जान ले ली। इस भीषण हमले में 308 लोग जख्मी भी हुए।

5 अगस्त 2015 को एक बार इस आतंकी ने भारत में आतंक मचाने की कोशिश की। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में तीन आतंकियों ने बीएसएफ के काफिले पर हमला किया था। इसमें दो जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए और एक पाकिस्तानी आतंकी नवेद को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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