कोरोना वायरस की वजह से भारत में मार्च 2020 से पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया गया था, इसके बाद से ही भारतीय रेलवे की सेवाओं को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन जब कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद जब ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू किया गया, तो बुजुर्ग यात्रियों को रेलवे की मार झेलनी पड़ी।
एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि तकरीबन चार करोड़ सीनियर को अपनी यात्रा के लिए पूरा किराया देने के लिए मजबूर होना पड़ा। मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा है कि 22 मार्च, 2020 से सितंबर 2021 के बीच 37,850,668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है।
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