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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35-ए हटाएगी केंद्र सरकार? जानिए राज्य में क्या बदल जाएगा 

खबर है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों से जुड़े अनुच्छेद 35-ए को समाप्त करने जा रही है।इस वजह से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि अगर अनुच्छेद 35-ए जम्मू-कश्मीर से हटा दिया जाता है तो वहां क्या बदल जाएगा। 

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

खबर है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों से जुड़े अनुच्छेद 35-ए को समाप्त करने जा रही है। इस वजह से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि इस संबंध में जल्द हो कोई ऐलान हो सकता है। हालांकि इसका कश्मीर में विरोध हो रोहा है। वहां के निवासी नहीं चाहते कि यह अनुच्छे में कोई फेरबदल हो।

Published: 02 Aug 2019, 4:03 PM IST

जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां भी इसे हटाने के खिलाफ हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 35-ए के समर्थन में एकजुट होने पर ज़ोर दे रहीं हैं। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ और उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी से मिलकर हालात पर चिंता जाता रहे हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि अगर अनुच्छेद 35-ए जम्मू-कश्मीर से हटा दिया जाता है तो वहां क्या बदल जाएगा।

1. देश का कोई नागरिक राज्य में ज़मीन खरीद पाएगा, सरकारी नौकरी कर पाएगा, उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला ले पाएगा।

2. महिला और पुरुषों के बीच अधिकारों को लेकर भेदभाव खत्म होगा।

3. कोई भी व्यक्ति कश्मीर में जाकर बस सकता है।

4. वेस्ट पाकिस्तान के रिफ्यूजियों को वोटिंग का अधिकार मिलेगा।

Published: 02 Aug 2019, 4:03 PM IST

लेकिन इस बदलाव में सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अलगाववादियों को कश्मीर में युवाओं को भड़काने का मौका मिल जाएगा। वहीं पाकिस्तान पूरी कोशिश करेगा कि जम्मू-कश्मीर के हालात खराब हो। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक ढांचे में बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ये तो रही बदलाव की बात। अब हम आपको बता देते हैं कि अनुच्छेद 35-ए है क्या और क्यों इसका विरोध हो रहा है।

Published: 02 Aug 2019, 4:03 PM IST

  • अनुच्छेद 35-ए से जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते हैं।
  • 14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे वही स्थायी निवासी।
  • स्थायी निवासियों को ही राज्य में जमीन खरीदने, सरकारी रोजगार हासिल करने और सरकारी योजनाओं में लाभ के लिए अधिकार मिले हैं।
  • किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में जाकर स्थायी निवासी के तौर पर न जमीन खरीद सकता है, ना राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है।
  • अगर जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी कर ले तो उसके अधिकार छिन जाते हैं, हालांकि पुरुषों के मामले में ये नियम अलग है।
  • आर्टिकल 35-ए को लेकर एक बड़ी शिकायत ये भी है कि 1954 में इसे बिना संसद की अनुमति के सीधे राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में जोड़ दिया गया।

Published: 02 Aug 2019, 4:03 PM IST

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Published: 02 Aug 2019, 4:03 PM IST