केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने निराश व्यक्त की है। पी चिदंबरम ने सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज में गरीबों, किसानों और श्रमिकों की अनदेखी किए जाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और 10 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि हम इस बात पर गहरा खेद व्यक्त करते हैं कि राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज में कई वर्गों को बेसहारा छोड़ दिया गया है। पूर्व वित्त मंत्री ने यह दावा भी किया कि सरकार की ओर से घोषित पैकेज में सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन राशि है जो भारत की जीडीपी का सिर्फ 0.91 फीसदी है।
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Published: 18 May 2020, 2:00 PM IST
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, कि हमने वित्त मंत्री की ओर से घोषित पैकेज का पूरे ध्यान से विश्लेषण किया। हमने अर्थशास्त्रियों से बात की। हमारा यह मानना है कि इसमें सिर्फ 1,86,650 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज है। चिदंबरम के मुताबिक आर्थिक बजट की शेष राशि कई बजट का हिस्सा है और कई घोषणाएं कर्ज देने की व्यवस्था का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के आर्थिक पैकेज से 13 करोड़ कमजोर परिवार, किसान, मजदूर और बेरोजगार हो चुके लोग असहाय छूट गए हैं। सरकार को सुझाव देते हुए चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार अधिक उधार ले और अर्थव्यवस्था को एक प्रोत्साहन देने के लिए अधिक खर्च करे। पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार से आग्रह किया, सरकार आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करे, समग्र वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे जो जीडीपी का 10 फीसदी हो। यह 10 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज होना चाहिए।
Published: 18 May 2020, 2:00 PM IST
बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच तक दिन कई इस 20 लाख करोड़ के पैकेज के तहत कई अहम घोषणाएं कीं। केंद्र की इस आर्थिक पैकेज को कांग्रेस ने पहले ही धोखा करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री के पांच दिनों के ‘धारावाहिक’ से देश के गरीबों, मजदूरों, किसानों और मध्य वर्ग के लोगों को सिर्फ निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा, कि यह जुमला पैकेज है। वित्त मंत्री ने जो पांच दिनों तक धारावाहिक दिखाया है उससे साबित होता है कि इस सरकार को गरीबों की कोई चिंता नहीं है। लोगों की दर्द की अनदेखी की गई है। सुप्रिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने संसद के पटल पर मनरेगा का मजाक मनाया था। आज वही मनरेगा ग्रामीण भारत में संजीवनी का काम कर रही है।
Published: 18 May 2020, 2:00 PM IST
इससे पहले 13 मई को पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए आर्थिक पैकेज के ऐलान पर ट्वीट कर कहा था कि कल पीएम ने हमें एक हेडलाइन दी और एक खाली पेज दिया। स्वाभाविक रूप से मेरी प्रतिक्रिया एक रिक्त थी! आज हम देखेंगे कि कैसे वित्त मंत्री उस खाली पेज को भरती हैं। हम ध्यान से हर एक-एक रुपये को गिनेंगे कि सरकार वास्तव में कैसे अर्थव्यवस्था में इसे डालेगी।” चिदंबरम ने आगे कहा था, “हम यह भी ध्यान से जांच करेंगे कि किसे क्या मिलता है? और पहली चीज जो हम देखेंगे, वह यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी श्रमिक सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं।”
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Published: 18 May 2020, 2:00 PM IST
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Published: 18 May 2020, 2:00 PM IST