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कोरोना को लेकर गंभीर नहीं शिवराज सरकार? कमलनाथ बोले- मुश्किल घड़ी में भी राज्य में स्वास्थ्य और गृह मंत्री नहीं

पूर्व सीएम कमलनाथ ने मोदी सरकार  पर भी आरोप लगाया है कि इस दौरान केंद्र की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। क्योंकि वो प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए इंतजार कर रहे थे। 

फोटो: सोशल मीडिया  
फोटो: सोशल मीडिया   

मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। भोपाल और इंदौर समेत कई जगहों से कोरोना के बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं। ऐसे में राज्य में जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर कोरोना को लेकर बड़ी लापरवाही बरतने के कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

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पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है, जहां न तो स्वास्थ्य मंत्री है न ही गृह मंत्री। 12 मार्च को हमने कोरोना से एहतियातन कॉलेज, मॉल आदि में लॉकडाउन कर दिया था। 16 मार्च, मेरे इस्तीफे के बाद भी केंद्र सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया था। कमलनाथ ने कहा, “सिर्फ शहरी इलाकों में टेस्टिंग हो रही है। ग्रामीण इलाकों में कितनी टेस्टिंग हो रही है। मध्य प्रदेश में 10 लाख में से कुछ गिने चुने 20-25 लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है।”

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कमलनाथ ने कहा कि दूसरे राज्यों में काम करने वाले काफी लोग वापस मध्यप्रदेश में आ गए हैं। ये अपने गाँवों में हैं। इनकी क्या टेस्टिंग हो रही है? इसका कुछ पता नहीं है। यहाँ तक कि टेस्टिंग किट ही नहीं है । आज केवल शहरी क्षेत्रों में टेस्टिंग हो रही है। हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग का कुछ पता नहीं है। मध्यप्रदेश में गिने-चुने लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है।

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कमलनाथ ने राज्य की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि अगर समय रहते ही प्रदेश में लॉक डाउन कर दिया जाता तो ये हालात नहीं होती। कमलनाथ ने बताया कि 8 मार्च से सभी विधायक प्रदेश के बाहर थे। लेकिन तब मैंने 12 मार्च को स्कूल कॉलेज सभी को बंद कर दिया गया था। कमलनाथ ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि इस दौरान केंद्र की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। क्योंकि वो प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए इंतजार कर रहे थे। जबकि कांग्रेस सरकार ने जब विधानसभा स्थगित करने की मांग की तो सभी दलों द्वारा उसका मजाक उड़ाया गया था। लेकिन जैसे ही शिवराज सिंह की सरकार बनी है उसके 1 दिन के बाद से ही लॉक डाउन लागू कर दिया था।

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कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने 12 फरवरी को ही आगाह किया था कि कोरोना संकट आने वाला है लेकिन केंद्र सरकार मध्य प्रदेश की सरकार गिराने में लगी थी। हमने कदम उठाने शुरू कर दिए थे । हमने अपने एक प्रकार का लॉक डाउन शुरू किया था लेकिन केंद्र सरकार इंतजार कर रही थी कि नया मुख्यमंत्री शपथ लें। हमारे विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा कोरोना के कारण स्थगित करने की घोषणा की गई थी तब इसे मजाक उड़ाया गया था। केंद्र ने शिवराज के शपथ लेने के बाद लॉकडाउन शुरू किया।

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कमल नाथ ने हैरानी जताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में अभी तक मंत्रिमंडल नहीं है लेकिन इस गंभीर हालत में कोई मंत्रिमंडल का ना होना यह तो जनता के मजाक बनाने की बात है। भाजपा ने जिस तरह सरकार बनाई है उनको यह नहीं बोलना चाहिए कि 24 उपचुनाव में से 22 उपचुनाव को जीत कर आए लोगों को प्रलोभन देकर अपनी तरफ खींचा गया। अब स्थानीय लेवल पर भाजपा के कार्यकर्ता इन्हीं नेताओं को अतिक्रमण बताएंगे और उनका भविष्य चौपट है। कमलनाथ ने कहा कि जनता की भावना को ठेस पहुंचाया इन लोगों ने जनता मूर्ख नहीं है।

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