कोरोना ना किसी का धर्म देखता है ना ही जाति। ऐसा हम और आप पहले दिन से सुन रहे हैं। लेकिन अगर कोरोना धर्म-जाति नहीं देखता है तो फिर कोरोना मरीजों को क्यों धर्म-जाति के नाम पर बांटा जा रहा है। ऐसे लोगों को कौन ये अधिकार देता है कि कोरोना मरीजों को धर्म के आधार पर वार्ड में रखा जाएगा। ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि एक ऐसा ही मामला बीजेपी शासित राज्य गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है।
इसे भी पढ़ें-
Published: undefined
जहां के सिविल अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों और संदिग्धों के वार्ड को उनके धर्म के आधार पर अलग-अलग बनाया गया। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सरकार के आदेश के बाद ऐसा किया गया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की भी इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि जो लोग ऐसी हरकत कर रहे हैं, जो लोग धर्म के आधार पर लोगों को बांट रहे हैं वो देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। प्रियंका ने आगे लिखा कि हम एक राष्ट्र हैं, और हम एक विनाशकारी महामारी से खुद को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। जो हमारे बीच अंतर नहीं करता है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि कोई हमें धर्म, जाति या पंथ के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे लोग इस महान देश और उसके बहादुर लोगों का सबसे बुरा दुश्मन है।
Published: undefined
आपको बता दें, अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने से पूछने पर उन्होंने इसकी जानकारी होने से इनकार किया है। वहीं अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉ। गुणवंत एच राठौड़ का कहना है कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार, हिंदू मरीजों और मुस्लिम मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। डॉ। राठौड़ का कहना है, ‘आमतौर पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं लेकिन यहां हमने हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए अलग-अलग वॉर्ड बनाए हैं।’
Published: undefined
अस्पताल में भर्ती होने के प्रोटोकॉल के अनुसार, कोरोना के संदिग्ध को टेस्ट नतीजे आने तक कोरोना मरीजों से अलग वॉर्ड में रखा जाता है। अस्पताल में भर्ती कोरोना के 186 संदिग्धों में से 150 में वायरस की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती इन 150 संक्रमित लोगों में से 40 अल्पसंख्यक हैं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined