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सीबीआई के घमासान में बड़ी कार्रवाई: अपने ही हेडक्वार्टर पर मारा छापा, डीएसपी देवेंद्र कुमार गिरफ्तार

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने सोमवार को करोड़ों के रिश्वतखोरी के आरोप में अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। इसी मामले में एजेंसी में नंबर दो पोजिशन पर बैठे स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  रिश्‍वत केस में सीबीआई ने अपने ही अधिकारी देवेंद्र कुमार को किया गिरफ्तार  

सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के संबंध में एजेंसी के डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत कई लोगों के खिलाफ घूस लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने कहा, “हैदराबाद के सतीश बाबू साना की शिकायत के बाद राकेश अस्थाना, देवेंद्र कुमार मनोज प्रसाद और सोमेश्वर प्रसाद के विरुद्ध 15 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई है।

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सीबीआई ने आज अपने ही हेडक्वार्टर में छापा मारा है। इसके अलावा सीबीआई ने डीएसपी देवेंद्र कुमार के एंटी करप्शन विंग वाले दफ्तर में छापा मारा है। जांच एजेंसी ने डीएसपी देवेंद्र कुमार के घर पर रेड मारकर 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड जब्त किया। साथ ही मोईन कुरैशी केस से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अब सीबीआई गिराफ्तार डीएसपी को कल 11 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी।

राकेश अस्थाना पर आरोप है कि मीट निर्यातक मोईन कुरैशी की संलिप्तता वाले एक मामले की जांच में एक कारोबारी को राहत देने के लिए उन्होंने कथित तौर पर घूस ली थी। राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू सना ने दावा किया है कि उसने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को पिछले साल 3 करोड़ रुपये दिए थे। वहीं दूसरी ओर राकेश अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि आलोक वर्मा ने उन्हें फोन किया था और मोईन कुरैशी केस के चश्मदीद गवाह सतीश बाबू साना से पूछताछ करने से मना कर दिया था।

एजेंसी के दोनों अफसरों की लड़ाई को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पीएम के चहेते, गुजरात कैडर के अधिकारी, गोधरा एसआईटी में चर्चित, सीबीआई में नंबर 2 पद पर घुसपैठ करने वाले अब रिश्वत लेने की वजह से पकड़े गए हैं। मौजूदा पीएम की कमान में सीबीआई राजनीतिक दुश्मनी निभाने का हथियार बन चुकी है। यह संस्था लगातार गिरती जा रही है और खुद ही लड़ाई लड़ रही है।”

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गौरतलब है कि कुरैशी के यहां फरवरी 2014 में आयकर विभाग ने छापा मारा था। अधिकारियों को तब उनके ब्लैकबेरी मेसेंजर (बीबीएम) में पूर्व सीबीआई डायरेक्टर एपी सिंह के साथ बातचीत मिली थी, जिसके बाद सिंह को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य पद से से बतौर सदस्य इस्तीफा देना पड़ गया था।

इसके तीन साल बाद फरवरी 2017 में सीबीआई ने एक केस दर्ज किया। ये उन कई मामलों में से एक था जिसकी जांच राकेश आस्थाना की अगुवाई वाली एसआईटी कर रही थी। इस मामले की जांच में सतीश ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था जिसमें उसने राकेश आस्थाना और अन्य का नाम लिया था। उसने बताया था कि उसने दस महीने के दौरान 3 करोड़ रुपए रिश्वत के रूप में दिए थे।

बता दें कि मोईन कुरैशी का परिवार मूल रुप से यूपी के रामपुर का है, जहां 90 के दशक में मोईन कुरैशी ने मीट बेचना शुरु किया था। कुछ सालों में ही देखते ही देखते देश का सबसे बड़ा मीट कारोबारी बन गया और अरबो रुपए की संपत्ति बना ली। यहां तक की विदेशों में भी कंपनियां बना ली। लेकिन वह अपनी बेटी की आलीशान शादी के बाद सरकारी एजेंसियों के रडार पर आ गया। कुरैशी की बेटी फैशन डिजायनर है जिसकी शादी लंदन बेस्ड सीए से हुई है।

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