कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पदभार ग्रहण किया। उनके पदभार के दौरान कर्नाटक के तमाम वरिष्ठ नेता सहित कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय में मौजूद रहे।
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मल्लिकार्जन द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार सांभालने से पहले कार्यक्रम को सोनिया गांधी ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, "सबसे पहले मैं हमारे नए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को हृदय से बधाई देती हूं। अभी मेरे बारे में जो भावनाएं व्यक्त की गईं, उसका मैं सम्मान करती हूं। आप सबके प्रति आभार व्यक्त करती हूं। मैं बहुत खुश हूं। सच कहूं तो बड़ी राहत महसूस कर रही हूं। सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि अपने-अपने विवेक से जिन्हें अध्यक्ष चुना है वह एक अनुभवी नेता हैं। धरती से जुड़े हुए नेता हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए अपनी निष्ठा मेहनत, लगन और अपने समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनसे पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी, एक संदेश मिलेगा और उनके नेतृत्व में कांग्रेस लगातार मजबूत होगी। मैंने अभी-अभी कहा कि मैं राहत महसूस कर रही हूं। मैं इसे स्पष्ट करना चाहती हूं। राहत इसलिए महसूस कर रही हूं कि आपने इतने वर्षों तक मुझे जो प्यार और सम्मान दिया है, वह मेरे लिए गौरव की बात है। उसका एहसास मुझे अपने जीवन के आखिरी सांस तक रहेगा। लेकिन यह सम्मान एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी थी। मुझसे अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार, जितना बन सका उतना किया।"
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सोनिया गांधी ने आगे कहा, “आज मैं अपने दायित्व से मुक्त हो रही हूं। यह भार मेरे सिर से उतर जाएगा। इसलिए स्वभाविक रूप से मुझे राहत का एससास हो रहा है। मैं आप सबको भी दिल से धन्यवाद देती हूं कि आपने हमेशा अपना सहयोग और समर्थन मुझे दिया। अब यह जिम्मेदारी खड़गे जी के ऊपर आ गई है। परिवर्तन संसार का नियम है। यह परिवर्तन जीवन के हर क्षेत्र में होता है और होता रहेगा। ठीक उसी तरह से जिस तरह से जीवन के हर क्षेत्र में नई-नई चुनौतियां आती रहती हैं।"
उन्होंने कहा, “आज हमारी पार्टी के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आज देश के सामने लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जैसा संकट पैदा हुआ है, उसका मुकाबला हम सफलतापूर्वक कैसे करें। आपने जिस तरह लोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अपना नया अध्यक्ष चुना है। मुझे विश्वास है कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता आपस में मिलजुलकर एक ऐसी शक्ति बनेंगे। जो हमारे महान देश के सामने उपस्थित समस्याओं सफलतापूर्वक सामना कर सकें। कांग्रेस के सामने पहले भी बड़े-बड़े संकट आए हैं। लेकिन पार्टी ने कभी हार नहीं मानी। हमें अब भी पूरे संकल्प के साथ, पूरी मजबूती के साथ पूरी एकता के साथ आगे बढ़ना है और सफल होना है।”
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इससे पहले वह राजघाट पर महात्मा गांधी, शांति वन में जवाहरलाल नेहरु व शक्ति स्थल पर इंदिरा गांधी और वीर भूमि पर जाकर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित सहित समता स्थल पर स्वतंत्रता सेनानी और दलित नेता जगजीवन राम को पुष्पांजलि अर्पित की।
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