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कोरोना वायरस: कनिका कपूर के खिलाफ FIR से झूठ का हुआ खुलासा, केस दर्ज कराने वाले सीएमओ पर उठे सवाल, दी गलत जानकारी

बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर के खिलाफ सरोजनी नगर थाने में दर्ज एफआईआर में भारी गड़बड़ी है। सीएमओ ने एफआईआर में लिखा है कि कनिका को एयरपोर्ट पर ही संक्रमित पाया गया था। उन्हें होम क्वारंटीन रहने के निर्देश दिए गए थे, जबकि एयरपोर्ट पर कोरोना के वायरस की जांच का कोई इंतजाम ही नहीं है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

लंदन से आकर लखनऊ में कई समारोहों में हिस्सा लेने वालीं बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार की देर रात उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। लेकिन कनिका कपूर के खिलाफ सरोजनी नगर थाने में दर्ज एफआईआर में भारी गड़बड़ी सामने आई है। सीएमओ ने एफआईआर में लिखा है कि कनिका को एयरपोर्ट पर ही संक्रमित पाया गया था। उन्हें होम क्वारंटीन रहने के निर्देश दिए गए थे, जबकि एयरपोर्ट पर कोरोना के वायरस की जांच का कोई इंतजाम ही नहीं है।

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दरअसरल सीएमओ ने यह कहकर सरोजनी नगर थाने में केस दर्ज कराया कि कनिका ने होम क्वारन्टाइन के निर्देशों का उल्लंघन किया। केस दर्ज कराने वाले मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) के चौंकाने वाले दावे से खुद शासन-प्रशासन सवालों के घेरे में है। पुलिस ने जिस तहरीर पर केस दर्ज किया है, उसमें सीएमओ ने कहा है कि कनिका कपूर लंदन गईं थीं और वहां से 14 मार्च को लखनऊ आईं थीं। 14 मार्च को एयरपोर्ट पर कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उन्हें होम क्वारन्टाइन में रहने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन लखनऊ के लोगों को कहना है कि वह 11 मार्च को ही लखनऊ पहुंच गईं थीं।

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इसके अलावा सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर कनिका कपूर एयरपोर्ट पर कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी तो उनके उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग को जरूरी निर्देश क्यों नहीं दिए गए थे। सीएमओ को कनिका के संक्रमण से ग्रसित होने की जानकारी थी तो भी उन्होंने उक्त मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया। कनिका के कोरोना से संक्रमित होने की सूचना डीएम और पुलिस आयुक्त क्यों नहीं दी गई। कनिका के संक्रमित होने की जानकारी अगर जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को होती तो वह उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाती। जिससे इतना बड़ा संकट न पैदा होता।

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सवाल यह उठा कि अगर 14 मार्च को ही कनिका कपूर कोरोना पॉजिटिव मिलीं थीं तो फिर 20 मार्च को इसका खुलासा क्यों हुआ। क्या पांच दिन तक लखनऊ प्रशासन सोता रहा। एफआईआर के तथ्यों पर घिर जाने के बाद लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने सफाई दी है। मीडिया को जारी बयान में कहा कि कनिका 14 मार्च नहीं बल्कि 11 मार्च को आईं थीं। जो भी गड़बड़ियां हैं उन्हें सुधारा जाएगा।

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कमिश्नर सुजीत पांडेय ने भले ही कनिका कपूर के लखनऊ पहुंचने की तारीख में भूलसुधार की बात कही हो मगर सीएमओ का यह दावा चौंकाने वाला है कि कनिका कपूर एयरपोर्ट पर ही कोरोना पॉजिटिव पाईं गईं थीं। जबकि एयरपोर्ट के सूत्र बता रहे हैं कि वहां थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा भले है मगर कोरोना जांच की सुविधा नहीं। ऐसे में सीएमओ का दावा लखनऊ प्रशासन की इस महामारी से निपटने की गंभीरता की पोल खोलता है, ऐसा जानकारों का मानना है।

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बता दें किु हबॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है जिसके बाद से हड़कंप मच हुआ है। दरअसल, कनिका 11 मार्च को लंदन से लखनऊ आई थीं और इसके बाद शहर की कई हाईप्रोफाइल पार्टियों में शामिल हुईं। एक पार्टी में उनके साथ राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह भी शामिल हुए। इसके बाद दुष्यंत सिंह ने संसद की कार्यवाही के दौरान कई लोगों से मुलाकात की। अब कनिका कपूर को कोरोना होने और उनके संपर्क में दुष्यंत सिंह आने के बाद कई नेताओं ने खुद को आइसोलोशन में रख दिया है।

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(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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