हालात

दिल्लीः उफनती यमुना के चलते लोग घरों से कैंप में पहुंचे, तंबू में भी भर गया पानी, स्कूलों में लेनी पड़ी शरण

एनडीआरएफ के कर्मियों ने दिल्ली के कुछ इलाकों में नावों की मदद से और अन्य जगहों पर घुटनों तक पानी में चलकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाया। उनमें यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण स्थापित बाढ़ राहत शिविरों में फंसे लोग भी शामिल हैं।

दिल्लीः उफनती यमुना के चलते लोग घरों से कैंप में पहुंचे, तंबू में भी भर गया पानी, स्कूलों में लेनी पड़ी शरण
दिल्लीः उफनती यमुना के चलते लोग घरों से कैंप में पहुंचे, तंबू में भी भर गया पानी, स्कूलों में लेनी पड़ी शरण फोटोः PTI

दिल्ली में यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। यमुना का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे राजधानी के कई इलाकों में पानी घुस गया और लोगों के मकान, गलियां, सड़क सब डूब गए। हालात को देखते हुए लोगों को खतरनाक इलाकों से निकाल कर कैंपों में लाया गया, लेकिन वहीं भी तंबू में पानी भर गया, जिसके बाद लोगों को दूसरी जगहों पर शरण लेना पड़ा।यमुना बाज़ार और मयूर विहार फेज 1 में कुछ जगहों पर लोगों पर दोहरी मार पड़ी। बाढ़ के कारण उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े और फिर तंबुओं में पानी भर जाने के बाद सरकारी स्कूलों में शरण लेनी पड़ी।

Published: undefined

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों ने यहां कुछ इलाकों में नावों की मदद से और अन्य जगहों पर घुटनों तक पानी में चलकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाया। उनमें यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ग्रस्त राहत शिविरों में फंसे लोग भी शामिल हैं। क्षेत्र से प्राप्त दृश्यों में एनडीआरएफ कर्मियों को यमुना के पानी में से गुजरते हुए, ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों की मदद से फंसे हुए लोगों और यहां तक ​​कि मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हुए देखा जा सकता है।

Published: undefined

अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ ने मंगलवार से अब तक बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों समेत लगभग 1,150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एनडीआरएफ की 16वीं बटालियन के कमांडेंट अबुजम बिजॉय कुमार सिंह ने कहा, ‘‘यमुना बाजार और अन्य संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने का काम पूरा हो गया है। जलस्तर अब स्थिर हो गया है और पूर्वानुमान के अनुसार, आज रात तक इसके कम होने की उम्मीद है। हमारी चार इकाइयां पिछले दो दिनों से चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। अब तक, हमने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत लगभग 1,150 नागरिकों को बचाया है।’’

Published: undefined

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती परिवारों को अपने घर और सामान छोड़ने के लिए राजी करना था। इस साल की स्थिति की तुलना 2023 से करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘2023 की बाढ़ की तुलना में, इस साल राहत कार्य अधिक सुचारू ढंग से हो रहे हैं और लोगों ने बेहतर सहयोग दिया है। इस बार, लोगों ने गंभीरता को समझा और निकासी में हमारा साथ दिया।’’

वर्ष 2023 में दिल्ली अपनी सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रही थी। इस बार उफनती यमुना के पानी ने कई इलाकों में घरों को जलमग्न कर दिया, दुकानों का सामान नष्ट कर दिया और यातायात बाधित कर दिया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बुधवार को नदी का जलस्तर 1963 के बाद से पांचवीं बार 207 मीटर के निशान को पार कर गया।

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली बाढ़ से बेहाल, ISBT बस अड्डा डूबा! चारों तरफ सैलाब का खौफनाक मंजर! देखें वीडियो

Published: undefined

इस बीच, बेला रोड, सिविल लाइंस और आसपास क्षेत्रों की दुकानें भी जलमग्न हो गईं। दुकानदार पुरुषोत्तम कुमार ने कहा,‘‘हमारी दुकानें जलमग्न हो गई हैं और 10 लाख रुपये से ज़्यादा का सामान बर्बाद हो गया है।’’ दिल्ली को 2023 में सबसे भीषण बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब भारी बारिश के बाद कई इलाके जलमग्न हो गए थे और 25,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था।

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में बाढ़! बिगड़े हालात, राजधानी के ये इलाके पानी में डूबे, सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए जा रहे लोग

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined