कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने असम और पूर्वोत्तर के कुछ अन्य राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन को लेकर सोमवार को चिंता जताई और आरोप लगाया कि विकास के बुनियादी मुद्दों से भावनात्मक और ध्रुवीकरण वाले विषयों की ओर ध्यान भटकाना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजनीति की पहचान है।
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और राज्य की 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं तथा 15 से अधिक जिलों में लगभग चार लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
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खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "पूर्वोत्तर विनाशकारी बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश से जूझ रहा है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और मेघालय सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से हैं, जहां कई लोगों की जान चली गई है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।"
उन्होंने आह्वान किया कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।
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खड़गे ने दावा किया, "2016 में बीजेपी ने 'बाढ़ मुक्त' असम बनाने का वादा किया था। 2022 में गृह मंत्री अमित शाह ने यह वादा दोहराया। तथाकथित 'स्मार्ट सिटी' गुवाहाटी के दृश्यों को देखकर याद आता है कि कैसे (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और उनकी डबल इंजन सरकार ने असम को धोखा दिया है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के बुनियादी मुद्दों से भावनात्मक और ध्रुवीकरण वाले विषयों की ओर ध्यान भटकाना बीजेपी की राजनीति की पहचान रही है।
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार को बाढ़ की तैयारियों के लिए पूर्वोत्तर के सभी राज्यों, विशेषकर असम को अधिक धनराशि जारी करनी चाहिए।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "पूर्वोत्तर राज्यों, विशेषकर असम और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुई जनहानि की खबर अत्यंत दुखद है। इस त्रासदी के कारण गुवाहाटी में हालात बेहद चिंताजनक हैं - जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।"
उन्होंने कहा, "मैं केंद्र और राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि राहत और बचाव कार्यों को तेज किया जाए और हर जरूरतमंद तक तुरंत सहायता पहुंचाई जाए।"
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राहुल गांधी ने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे हर प्रभावित व्यक्ति की मदद के लिए राहत कार्यों में हर संभव सहायता प्रदान करें।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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