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बिहार में दोहरी मार, कोरोना वायरस के बीच चमकी बुखार ने दिखाया अपना प्रकोप, एक बच्चे की मौत

गर्मी की शुरुआत के साथ ही बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार ने अपनी दस्तक दे दी है। गर्मी शुरू होते ही एईएस के कारण एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि एक संदिग्ध एईएस से पीड़ित मरीज का इलाज चल रहा है।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

बिहार में लोगों पर दोहरी मार पड़ी है। एक और कोरोना वायरस से लोग दहशत में है तो दूसरी ओर चमकी बुखार का प्रकोप शुरु हो गया है। गर्मी की शुरुआत के साथ ही बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार ने अपनी दस्तक दे दी है। गर्मी शुरू होते ही एईएस के कारण एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि एक संदिग्ध एईएस से पीड़ित मरीज का इलाज चल रहा है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री ने एईएस को लेकर अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं।

Published: 30 Mar 2020, 1:00 PM IST

मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल हस्पिटल एंड कलेज (एसकेएमसीएच) में पिछले तीन दिनों से भर्ती एईएस पीड़ित बच्चे की रविवार देर शाम मौत हो गई। उसकी पहचान सकरा के बैजूबुजुर्ग गांव के मुन्ना राम के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार के रूप में हुई है।

Published: 30 Mar 2020, 1:00 PM IST

एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष गोपाल शंकर सहनी ने बताया, “आदित्य को तीन दिन पहले यहां भर्ती कराया गया था। इधर, पूर्वी चंपारण की रहने वाली संदिग्ध एईएस की मरीज सपना कुमारी की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।”अस्पताल अधीक्षक डा एस़ क़े शाही ने सोमवार को बताया कि दोनों बच्चों में ग्लूकोज की कमी थी। उन्होंने कहा कि सपना का इलाज चल रहा है।

Published: 30 Mar 2020, 1:00 PM IST

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में एईएस के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि इसकी पूरी तैयारी रखी जाए। लोगों को एईएस के संबंध में अभियान चलाकर अभी से ही जागरूक करने का अधिकारियों को निर्देश दिया गया।

Published: 30 Mar 2020, 1:00 PM IST

मुख्यमंत्री ने अधिाकरियों को एसकेएमसीएच में बन रहे 100 बेड वाले शिशु गहन चिकित्सा इकाई को जल्द से जल्द तैयार कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे शिशु गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

गौरतलब है कि पिछले कई साल से मुजफ्फरपुर, गया सहित कई जिलों में एईएस का कहर यहां के बच्चों पर टूटता है। पिछले साल भी इस बीमारी से करीब 150 बच्चों की मौत हुई थी।

(आईएएनएस के इनपुट साथ)

Published: 30 Mar 2020, 1:00 PM IST

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Published: 30 Mar 2020, 1:00 PM IST