देश के कई हिस्सों में भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई है। वहीं भूस्खलन और बाढ़ का कहर देखने को मिला है। इस बीच मौसम विभाग ने टेंशन बढ़ाने वाली खबर दी है। मौसम विभाग के मुताबिक, भारत में सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।
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आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश से सितंबर में उत्तराखंड में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ सकती है। दक्षिणी हरियाणा, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में सामान्य जनजीवन बाधित हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड से कई नदियां निकलती हैं। इसलिए, भारी बारिश का मतलब है कि कई नदियां उफान पर होंगी और इसका असर निचले इलाकों के शहरों और कस्बों पर पड़ेगा। इसलिए, हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए।’’ महापात्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भी भारी बारिश का अनुमान है।
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उन्होंने कहा कि 1980 के बाद से सितंबर में बारिश में मामूली वृद्धि देखी गई है। दूसरी ओर 1986, 1991, 2001, 2004, 2010, 2015 और 2019 में इस महीने में कम बारिश हुई थी।
आईएमडी ने कहा कि सितंबर के दौरान पश्चिम-मध्य, उत्तर-पश्चिमी और दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में मासिक औसत अधिकतम तापमान सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे रहने की उम्मीद है।
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मौसम विभाग ने कहा कि मध्य-पूर्व, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम भारत और पश्चिमी तटीय क्षेत्र के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है।
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पंजाब में दशकों में सबसे भीषण बाढ़ आई, जिसमें उफनती नदियां और टूटी नहरें हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि में जलमग्न हो गईं और लाखों लोग विस्थापित हो गए। हिमालयी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण भूस्खलन हुआ और जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ।
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