जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ ये एक्शन लेह हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हुआ है। बीते दिनों लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच बुधवार को हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी और 80 लोग घायल हो गए थे।
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इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त रुख दिखाते हुए गुरुवार को सोनम वांगचुक के द्वारा बनाए गए NGO स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था।
हालांकि सोनम वांगचुक ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने एक समाचार चैनल को बताया कि उनकी संस्था ने कभी विदेशी चंदा नहीं लिया, बल्कि संयुक्त राष्ट्र, स्विट्जरलैंड और इटली की संस्थाओं के साथ व्यावसायिक लेन-देन किए हैं और सभी टैक्स चुकाए हैं।
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वांगचुक ने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे 'बलि का बकरा' बनाया जा रहा है।
वांगचुक ने कहा था कि ये कहना कि यह (हिंसा) मेरे द्वारा भड़काई गई थी, समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे कोई हल नहीं निकलेगा।'
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