केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को मणिपुर में समुदाय विशेष की महिलाओं को नग्न कर परेड कराने और उनके यौन उत्पीड़न और दो पुरुषों की हत्या से जुड़े 4 मई के वायरल वीडियो मामले में छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। साथ ही एजेंसी ने कानून का उल्लंघन करने वाले एक बच्चे के खिलाफ भी रिपोर्ट दाखिल की है।
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एजेंसी ने गुवाहाटी में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र और कानून का उल्लंघन करने वाले एक बच्चे (सीसीएल) के खिलाफ रिपोर्ट दायर की। मामले में सीबीआई ने 21 जून को मणिपुर सरकार के अनुरोध पर मामला दर्ज किया था।
शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि 4 मई को, अत्याधुनिक हथियारों से लैस लगभग 900-1000 लोगों की भीड़ ने मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी. फेनोम गांव में प्रवेश किया, घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। भीड़ ने संपत्ति लूट ली, ग्रामीणों पर हमला किया, हत्याएं कीं और महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया।
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एजेंसी ने आगे कहा कि यह भी आरोप लगाया गया कि घटना में एक पीड़ित के परिवार के दो सदस्य भी मारे गए। एजेंसी ने एक बयान में कहा, "सीबीआई जांच से पता चला कि आरोपी उक्त घटना में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नामित विशेष न्यायाधीश, सीबीआई कोर्ट, गुवाहाटी के समक्ष आज एक आरोप पत्र दायर किया गया।"
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इसमें कहा गया है कि मामले के अन्य पहलुओं के अलावा अपराध में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान सहित आगे की जांच जारी है। बयान में कहा गया है, "जनता को याद दिलाया जाता है कि उपरोक्त निष्कर्ष सीबीआई द्वारा की गई जांच और उसके द्वारा एकत्र किए गए सबूतों पर आधारित हैं। भारतीय कानून के तहत, आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि निष्पक्ष सुनवाई के बाद उनका अपराध स्थापित नहीं हो जाता।"
मणिपुर में इस साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी और तब से अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग अपने घरों से भागकर पड़ोसी राज्यों में पलायन करने और राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
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