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मोदी सरकार की जीएसटी ने बिगाड़ा पारले जी का स्वाद, मंदी के दौर में 10 हजार लोगों की हो सकती है छंटनी 

देश की सबसे बड़ी बिस्किट निर्माता कंपनी पारले-जी में भी मंदी का माहौल दिखने लगा है। पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड अपने यहां से 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए मजबूर है। कंपनी का कहना है कि उसे जीएसटी की वजह से घाटा का सामना करना पड़ रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अच्छे दिनों का सपना दिखाने वाली मोदी सरकार में समूची अर्थव्यवस्था मंदी के चपेट में है। जहां एक ओर टेक्सटाइल कंपनियों से करीब 50 लाख नौकरी खत्म हो गयी तो दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी बिस्किट निर्माता कंपनी पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड अपने यहां से 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने के लिए मजबूर है। कंपनी का कहना है कि उसे जीएसटी की वजह से घाटा का सामना करना पड़ रहा है।

Published: 21 Aug 2019, 3:51 PM IST

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पारले ने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर जीएसटी घटाने की मांग की है। कंपनी का कहना है कि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8 से 10 हजार लोगों को निकालना पड़ सकता है, क्योंकि सेल्स घटने से कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है।

Published: 21 Aug 2019, 3:51 PM IST

कंपनी के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा सरकार से 100 रुपये किलो से कम में बिकने वाले बिस्किट पर टैक्स कम करने की गुजारिश की थी। इन बिस्किट की बाजार में 5 रुपये या इससे कम के पैकेट में बिक्री की जाती है। दरअसल जीएसटी लागू होने से पहले 100 रुपये प्रति किलो से कम कीमत वाले बिस्किट पर 12 प्रतिशत टैक्स लगता था। कंपनी ने उम्मीद लगाए हुई थी कि जीएसटी आने के बाद टैक्स घटकर 5 प्रतिशत रह जाएगा, लेकिन हुआ उल्टा। सरकार ने इसे 18 प्रतिशत वाले टैक्स में डाल दिया, जिसके बाद कंपनी को पहले के मुकाबले ज्यादा टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है।

Published: 21 Aug 2019, 3:51 PM IST

बता दें कि पारले प्रोडक्ट्स की सेल्स 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है। कंपनी के कुल 10 प्लांट है। इसमें करीब 1 लाख कर्मचारी काम करते है। साथ ही, कंपनी 125 थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी ऑपरेट करती हैं।

Published: 21 Aug 2019, 3:51 PM IST

देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कई सेक्टर मंदी की मार झेल रहे हैं। ऑटो, रियल एस्टेट के बाद मंदी की मार कताई उद्योग तक पहुंच गई है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने अखबारों विज्ञापन का टाइटल दिया है कि भारत का बुनकर उद्योग एक बड़े संकट से गुजर रहा है और इसकी वजह से इस इंडस्ट्री भारी मात्रा में नौकरियां जा रही हैं।

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Published: 21 Aug 2019, 3:51 PM IST

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Published: 21 Aug 2019, 3:51 PM IST