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मुजफ्फरपुर कांड: एफआईआर में गड़बड़ी पर सुप्रीम कोर्ट में बिहार की नीतीश सरकार को जमकर पड़ी लताड़ 

सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में गलत एफआईआर दर्ज किए जाने पर नीतीश सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि आप क्या कर रहे हैं? यह शर्मनाक है। अगर बच्चियों के साथ अप्राकृतिक कृत्य हुआ है तो आप कह रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई है। साथ ही एफआईआर में नई धारा जोड़ने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने नीतीश सरकार को यह आदेश देते हुए कहा कि वह 24 घंटे के भीतर एफआईआर में आईपीसी की धारा 377 और पोक्सो एक्ट को जोड़े।

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कोर्ट ने कहा, “अगर हमें मामले में इस बात का पता चलता है कि आईपीसी की धारा 377 और पोक्सो एक्ट के तहत अपराध हुए थे और एफआईआर में ये धाराएं नहीं जोड़ी गई थीं तो हम सरकार के खिलाफ आदेश जारी करेंगे।” कोर्ट ने आगे कहा, “आप कर क्या रहे हैं? बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है, जो शर्मनाक है और आप कहते हैं यह कुछ भी नहीं है। आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? यह अमानवीय है। हमें यह बताया गया था कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। क्या इसे गंभीरता कहते हैं?”

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कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, “मई में रिपोर्ट आयी और आपने अब तक इस पर क्या एक्शन लिया? आपका रवैया ऐसा है कि अगर किसी बच्चे के साथ दुराचार होता है तो आप जुवेनाइल बोर्ड के खिलाफ ही कार्रवाई कर देंगे?”

कोर्ट ने कहा, “बिहार सरकार मामले के आरोपियों के खिलाफ नरम रुख अपना रही है। यह शर्मनाक है।” कोर्ट ने पूछा क्या ये बच्चे देश के नागरिक नहीं हैं? बिहार सरकार ने कोर्ट के सामने गलती मानते हुए कहा भरोसा दिलाया कि एफआईआर की गलती को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। राज्य सरकार ने इस गलती को सुधारने के लिए अंतिम बार मोहलत मांगी।

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बिहार के मुख्य सचिव पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप अपने कृत्य को जस्टिफाई करें। कोर्ट ने मुख्‍य सचिव से बुधवार को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में दो महीने लगे थे, बावजूद इसके एफआईआर में मुख्य आरोपी का नाम नहीं जोड़ा गया था। इस केस में जो भी नाम सामने आ रहे हैं सब नीतीश कुमार के करीबी हैं। नीतीश कुमार इस मामले को रफादफा करने की कोशिश पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

बता दें कि इस साल की शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था।

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