नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अब इसके खिलाफ महापंचायत का भी आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के गांव गुमथला गडु में मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। महापंचायत को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा।
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राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के आंदोलनजीवी वाले बयान पर तंज सकते हुए कहा है कि हम आंदोलन करते हैं, हम जुमलेबाज तो नहीं हैं। एमएसपी पर कानून बनना चाहिए वो नहीं बन रहा। तीनों काले कानून खत्म नहीं हो रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने 2011 में कहा था कि देश में एमएसपी पर कानून बनेगा। यह जुमलेबाजी थी।
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उन्होंने आज फिर यह दोहराया कि यह आंदोलन अभी लंबा चलेगा। टिकैत ने कहा कि अभी सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। दिल्ली से किसान वापस नहीं आ रहे थे, जो साढ़े तीन लाख ट्रैक्टर गए थे। सरकार किसी गलतफहमी में न रहे कि किसान वापस चला जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे।
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार किसानों को नोटिस भेजकर डरा रही है, लेकिन इससे किसान डरने वाले नहीं हैं। हमने किसानों के बोए काटों पर फूल उगा दिए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसान इन नए कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनका कहना है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए। किसानों का कहना है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
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