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शाहीन बाग: SC मध्यस्थों से धरना देने वाली दादियों की दो टूक- ‘हमने तो अंग्रेज भगा दिए तुम क्या चीज हो’

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकार बातचीत कर रहे हैं। वार्ताकार संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि हम सबकी बात सुनने आए हैं। हमको न कोई जल्दबाजी और न ही कोई हड़बड़ी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में बीते 15 दिसंबर से संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। इस दौरान संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया।

वहीं दूसरी वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा कि आपके विरोध के अधिकार को छीना जाए। इस मसले का एक ऐसा हल निकालने पर विचार कर रहे हैं जो दुनिया में मिसाल पेश करे। लेकिन यह सब मीडिया के सामने नहीं होगा। जिसके बाद प्रदर्शनस्थल से मीडिया कर्मियों को हटा दिया गया। मीडिया कर्मियों की गैरमौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत की।

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वार्ताकार बोले- सबसे पहले 'दादी' को सुनेंगे

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकार बातचीत कर रहे हैं। वार्ताकार संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि हम सबकी बात सुनने आए हैं। हमको न कोई जल्दबाजी और न ही कोई हड़बड़ी है। उन्होंने कहा कि हम सबसे पहले 'दादी' की और फिर उम्र में बड़े लोगों की बात आराम से सुनेंगे। हम सुनना और समझना चाहते हैं। हम कम बोलेंगे और ज्यादा सुनेंगे।

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दादी ने वार्ताकारों से कहा- मैं यहां संविधान के लिए बैठी हूं

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं। वार्ताकारों से बातचीत करते हुए शाहीन बाग की दादियों में से एक दादी ने कहा कि मैं यहां संविधान के लिए बैठी हूं। वहीं दूसरी दादी ने वार्ताकारों से पूछा कि जामिया के छात्रों को पीटा गया था, इसलिए हमें बताएं कि जामिया हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है, मोदी या शाह। दादी ने कहा कि सीएए को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि हमने तो अंग्रेजों को भगा दिए तुम किया चीज हो।

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प्रदर्शनस्थल पर फायरिंग के मुद्दे को एक दादी ने वार्ताकारों के सामने उठाया

वार्ताकारों से बात करते प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोर्ट ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं पूरी की, आप लोगों को बातचीत के लिए क्यों भेज दिया। प्रदर्शनस्थल पर फायरिंग के मुद्दे को एक दादी ने वार्ताकारों के सामने उठाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस मुद्दे के बारे में पहले बात क्यों नहीं की गई। उन्होंने यह भी पूछा कि अगर हम इस जगह को छोड़ देते हैं तो क्या हमें सुना जाएगा, इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा?

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प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों से कहा, “आप लोगों ने यहां आकर लोकतंत्र में हमारे विश्वास को और मजबूत किया है। रोते हुए प्रदर्शनकारी ने कहा कि कोई भी हमसे बात करने नहीं आया, हम ठंड में बैठे रहे। हमारे विरोध प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश की गई। शाहीन बग दुनिया भर में सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक है। इसलिए यह शाहीन बाग के विरोध को समाप्त करने के बाद अन्य विरोधों को समाप्त करने की साजिश है।”

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प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों से बात करते हुए कहा कि यह मुद्दा संविधान और गांधी के महत्वों से जुड़ा है। ऐसे में सड़क पर उतरना ही होगा। प्रदर्शनकारियों की बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि मैं आप लोगों को सुनकर बेहद प्रभावित हूं। आप लोग इस उम्र में बेहद गहराई से बात कर रहे हैं। संजय हेगड़े ने कहा कि हेगड़े का कहना है कि स्वतंत्रता कायम रहेगी।

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