विचार

विष्णु नागर का व्यंग्य: साथ हैं तो सब माफ, खिलाफ हैं तो नो इंसाफ!

अभी बिलकिस का मामला थोड़ा फंसा हुआ-सा है। सुप्रीम कोर्ट के दो जज साहबान, मान ही नहीं रहे हैं, जबकि जो भी मान जाता है, तुरंत पुरस्कार पा जाता है। पढ़ें विष्णु नागर का व्यंग्य।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर फोटो: सोशल मीडिया

तो भाइयों-बहनों, ये सरकार बिलकिस बानो को न्याय नहीं मिलने देगी। एक तो इसलिए कि वह बिलकिस है और ऊपर से बानो भी है! दूसरी बात ये कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था, उसके परिवार के 11 लोगों की हत्या की गई थी। और यह तब हुआ था, जब क्लीनचिटधारी जी, मुख्यमंत्री थे, इसलिए वह इक्कीस साल बाद भी न्याय की हकदार नहीं हो सकती! अगर उसे न्याय मिलता है तो उन ग्यारह अपराधियों के साथ 'अन्याय' हो जाएगा, जिनको इन्होंने माफी दी है! उसे न्याय मिलने का मतलब है क्लीनचिटधारी जी और उनके सहयोगी जी की नाक कट जाना! और 2002 के नरसंहार के मामले में इन्होंने अपनी नाक आज तक कटने नहीं दी है! बीबीसीवाले अभी काटने आए थे। इन्होंने कटते-कटते भी उसे बचा लिया, बस खून आया कुछ देर तक! सहयोगी जी की नाक जरूर थोड़ी- सी कट गई थी मगर अब उसकी बढ़िया सर्जरी हो चुकी है! हां, अपने विरोधियों, इनकी असलियत खोलनेवालों को इन्होंने कभी छोड़ा नहीं! आज सारे दंगाई-तकनीकी रूप से दंगाई नहीं हैं और सुखपूर्वक जीवनयापन कर रहे हैं। उधर जो सच बोल रहे थे, सब 'कलंकित' हैं। जेलों में हैं या उसके रास्ते में हैं!

Published: undefined

अभी बिलकिस का मामला थोड़ा फंसा हुआ-सा है। सुप्रीम कोर्ट के दो जज साहबान, मान ही नहीं रहे हैं, जबकि जो भी मान जाता है, तुरंत पुरस्कार पा जाता है! अब इनमें से एक जज साहब ने भरी अदालत में कह दिया कि मैं जानता हूं कि आप मेरे रिटायरमेंट का इंतजार कर रहे हैं मगर सुनिए, मैं फैसला देकर ही पद से विदा लूंगा! मान लो फैसला बिलकिस बानो के पक्ष में आया तो पहली बार क्लीनचिटधारी जी की ठीक से नाक कट जाएगी। और इसे ये बर्दाश्त नहीं कर सकते! इसका भी कोई न कोई तोड़ ये निकालेंगे, मानेंगे नहीं!

Published: undefined

ये किसी विरोधी को छोड़ते नहीं और अपनों को अपराधी मानते नहीं! अब 89 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन दुनियाभर में भारत की शान हैं मगर समस्या ये है कि वे इस सरकार के कटु आलोचक हैं और यह उनका सबसे बड़ा 'अपराध ' है। उनके खिलाफ कुछ है नहीं मगर इन्हें उन पर कलंक का एक दाग तो कम से कम लगाना ही है! उन्हें अपने पिता से मिली जमीन के एक टुकड़े को लेकर उनका अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे! विश्व भारती के कुलपति जी को ये काम सौंपा गया है कि अमर्त्य सेन को जितना जलील कर सकते हो, करो! और कुछ करो, न करो मगर ये जरूर करो! 

Published: undefined

अब इधर महिला पहलवानों के साथ पुलिस की जोर-जबरदस्ती और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप का मामला है! इनकी शिकायत नहीं सुनेंगे। कमाया होगा इन्होंने नाम, उस समय तुम्हें चाय- नाश्ता करवा दिया! पदक दे दिए और क्या इन्हें सिर पर बैठाएं! अध्यक्ष पद पर हमारा बंदा बैठा है और तुम उसकी तौहीन कर रही हो! हमारा बंदा, जब तक हमारा है या जो भी हमारी शरण में आ जाता है तो हम उसका बुरा नहीं होने देते, चाहे आरोप जो हों! बैठी रहो धरने पर, बरसात में भींगती रहो। गीले बिस्तर पर ही तुम्हें अब सोना है! फोल्डिंग पलंग पर सोने के नखरे नहीं चलेंगे!

Published: undefined

और राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म, मतलब खत्म! न्याय की तलाश जितनी चाहें करके वे भी देख लें! शायद किसी दिन उन्हें ये जेल भिजवा दें! सात दिन, दस दिन, महीनाभर हल्ला मचेगा, फिर सब भूल जाएंगे! पड़े हैं कई विपक्षी नेता अंदर। एक और सही! प्रियंका गांधी मैदान में आईं तो उन्हें भी देख लिया जाएगा! प्रधानमंत्री जी स्वयं, बजरंग दल जैसे नफरती संगठन पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के इरादे को बजरंग बली का अपमान बता रहे हैं तो और क्या होगा?

Published: undefined

और हां 'द कश्मीर फाइल्स' की तर्ज पर अब ये 'द केरला स्टोरी' लाए हैं! प्रधानमंत्री जी इसके प्रचार में भी जुट गए हैं। इसमें पता नहीं कहां से उठाकर इस्लाम स्वीकार करनेवाली ऐसी 32000 लड़कियों का आंकड़ा ले आए हैं, जो पाकिस्तान की आईएसआई की एजेंट हैं! झूठ को प्रमाणों की नहीं, पंखों की जरूरत होती है! अब इन्हें केरल पर कब्जा करने की बहुत जल्दी है! कर्नाटक हाथ से निकल भी गया, तो भी हाथ में है।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ को भी ये काबू किया जा सकता है! फिलहाल इनका बड़ा लक्ष्य -केरल है, वामपंथ है! वह बर्बाद हो गया तो फिर इनकी बल्ले-बल्ले है। वहां ईसाइयों में फूट डालकर उन्हें मुसलमानों के विरुद्ध एकजुट करने में लगे हैं! इसके ये मास्टरमाइंड हैं, बाकी सब इनके ठेंगे से!

Published: undefined

बजरंग बली का नाम लेकर आज यहां और कल वहां प्रधानमंत्री जी 'वंदे भारत ' ट्रेन को हरी झंडी दिखाने जाते हैं। बहुत फुर्सत में हैं और गृहमंत्री जी के पास नई दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को प्रमोशन लेटर बांटने का पर्याप्त समय है! वैसे पहले एक प्रधानमंत्री जी हो चुके हैं, जो बाबरी मस्जिद गिराए जाते वक्त आराम से सो रहे थे और एक थे, जो लोकसभा में नींद लेते थे! इससे ज्यादा नुकसान ये देश का कर नहीं पाए, मोदी जी नहीं बन पाए। इसका रोड मैप मोदी जी ने अपने पास छुपाकर रख लिया था! 

शेष कुशल है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined