महाभारत में कृष्ण ने अर्जुन का रथ हांक कर पाण्डवों को विजयी दिलायी थी। यूपी में 18 वीं विधानसभा के चुनाव में भी कृष्ण को सियासी दलों ने भूमिका में ला दिया है। लेकिन इस सियासी समर में वह किसके सारथी बनेंगे। यह तो दस मार्च को आने वाला नतीजा ही बताएगा।
कृष्ण के भूमिका की शुरूआत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने की थी। अयोध्या और काशी में भव्य मंदिर निर्माण जारी है और अब मथुरा की तैयारी है। केशव मौर्य के इस बयान का संकेत साफ था कि भाजपा यूपी चुनाव में विकास के साथ हिंदुत्व के मुद्दे को भी हवा देने का मन बना चुकी है।
Published: 10 Jan 2022, 4:08 PM IST
अयोध्या, काशी और मथुरा शुरू से ही भाजपा के एजेंडे का हिस्सा रहे हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। अब मथुरा जन्मभूमि प्रकरण जोर पकड़ रहा है। पिछले दिनों मथुरा और वृंदावन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीर्थस्थल घोषित किया था। प्रदेश सरकार ने मथुरा-वृंदावन नगर निगम के 22 वाडरें को पवित्र तीर्थ स्थल घोषित करते हुए वहां मांस-मदिरा की बिक्री को प्रतिबंधित किया है।
भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिन्दुत्व के ज्वर को उफान में लाकर समीकरण बदलने के प्रयास में भी लगी है। मथुरा मुद्दा उनके लिए मुफीद हो सकता है।
पूरे हिंदू समाज के साथ-साथ पश्चिमी यूपी में मथुरा को विशेष सम्मान प्राप्त है और यहां के लोग स्वयं को इससे बहुत जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। यही कारण है कि भाजपा को लगता है कि यदि यह मुद्दा लोगों के बीच उठाया गया, तो इससे जाटों की नाराजगी कम हो सकती है। जाटों का एक हिस्सा भी उसकी तरफ लौटने से आंदोलन की नाराजगी की भरपाई भी आराम से हो जाएगी।
Published: 10 Jan 2022, 4:08 PM IST
मथुरा के मुद्दे की रफ्तार को राजनीतिक दलों ने कम नहीं होने दी है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने भगवान कृष्ण द्वारा स्वप्न में आकर यह प्रेरणा देने की बात कह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। राज्यसभा सदस्य का कहना है कि ब्रज क्षेत्र का कण-कण चाहता है कि योगी मथुरा से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। हालांकि मुख्यमंत्री योगी के मथुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा काफी दिनों से जोरों पर है।
बीते दिनों अखिलेश यादव ने कहा कि उनके सपने में भी भगवान श्रीकृष्ण जी आते हैं और वे कहते हैं कि तुम्हारी सरकार बनने वाली है। इन दिनों उत्तर प्रदेश की चुनावी महाभारत में सबके सपने में श्री कृष्ण आने लगे हैं।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो जब आपके पास मुद्दों की कमी होती है तो भगवान का सहारा बहुत आराम से ले लिया जाता है। यह सबसे आसान तरीका नजर आता है। नेताओं के ख्वाब में भगवान की सपने आ रहे हैं या नहीं इसको नापने का कोई पैमाना नहीं बना है।
2017 के चुनाव में ब्रज क्षेत्र के अलीगढ़ आगरा मंडल की 34 सीटों पर विजय हासिल की थी। ब्रज को राजनीतिक केन्द्र माना जाता है। यहां पर कुल 41 सीटे हैं। चार सपा को मिली थीं। जबकि बसपा को दो सीटें मिल पायी थीं। इस बार समीकरण बदले हैं यहां पर किसान आंदोलन का असर रहा है, वह चुनाव में दिखेगा या नहीं यह आने वाला वक्त बताएगा।
Published: 10 Jan 2022, 4:08 PM IST
यूपी की राजनीति को कई दशकों से करीब से देखने वाले पीएन द्विवेदी कहते हैं, सनातन परंपरा में कृष्ण बड़े रणनीति कर्ता थे। उनका आशीर्वाद जिसे मिलेगा। वही 2022 के इस चुनावी महासमर में विजयश्री प्राप्त करेगा।
मिजार्पुर के ज्योतिषास्त्र के ज्ञाता लव मालवीय कहते हैं कि जब तक काम बनता रहता है किसी को भगवान याद नहीं आते हैं। जब लोग परेशान होते हैं तभी भगवान को याद करते हैं। इसका एक वैज्ञानिक कारण है उन्होंने बताया कि जो दिमाग होता है वह हमेशा जाग्रत रहता है। मनुष्य के दो मन होते हैं एक चेतन और अचेतन। जब कोई समस्या उत्पन्न हुई। जिसे हम व्यक्त नहीं कर पाते वह अचेतन मन में दबी होती है, जब हम सोते हैं तो स्वप्न के रूप में दिखायी देती है। मानव हर दिन स्वप्न देखता है। बिना स्पप्न के नींद नहीं आती है। यह कपोलकल्पित नहीं यार्थात है।
Published: 10 Jan 2022, 4:08 PM IST
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Published: 10 Jan 2022, 4:08 PM IST