कश्मीर में अनुच्छेद 35-ए को लेकर काफी अफवाह फैलाई जा रही है। पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल ने शनिवार को कहा कि इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयानक होने वाला है। इसके बाद अटकलें शुरू हो गई कि क्या केंद्र सरकार अनुच्छेद 35-ए को खत्म करने जा रही है। इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समते सभी कश्मीरी नेताओं ने इस मामले पर अपनी राय जाहिर की है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ बारूद को हाथ लगाने के बराबर है। वहीं उमर अब्दुल्ला ने 35-ए के साथ किसी भी छेड़छाड़ से बचने की सलाह दी।
Published: 29 Jul 2019, 1:23 PM IST
हालांकि देश भर में इसे हटाने की मांग उठती रही है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर अनुच्छेद 35-ए है क्या और क्यों इसे कश्मीर में अलगाववाद की जड़ बताया जा रहा है।
Published: 29 Jul 2019, 1:23 PM IST
35-ए संविधान का वो अनुच्छेद है जिसके तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों के लिए नियम तय हुए हैं। इस अनुच्छेद के तहत कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार और सुविधाएं दी गई हैं जो कि नौकरियों, संपत्ति की खरीद, स्कॉलरशिप, सरकारी मदद और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी सुविधाओं से संबंधित हैं। अनुच्छेद 35-ए से जुड़ी खात बात ये है कि इसे बनाते समय संसदीय प्रणाली से कानून बनाने की प्रक्रिया की जगह राष्ट्रपति के आदेश के जरिए इसे संविधान में जोड़ा गया। जबकि संविधान का अनुच्छेद 368 (आई) संविधान में किसी भी संशोधन का अधिकार सिर्फ संसद को देता है।
Published: 29 Jul 2019, 1:23 PM IST
Published: 29 Jul 2019, 1:23 PM IST
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Published: 29 Jul 2019, 1:23 PM IST