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आकार पटेल का लेख: बहुत ही खामोशी से मर रहा है देश का लोकतंत्र
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राहुल गांधी ने तो कम ही कहा, आग तो पूरे देश में लगी हुई है, बस कुछ लोग आंच नहीं महसूस कर पा रहे
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विष्णु नागर का व्यंग्य: ये कसमें, ये वादे, ये गारंटियां, सब बातें हैं, बातों का क्या!
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मोदी जी का तथाकथित विकास केवल अरबपतियों तक है सीमित, 81 करोड़ आबादी सरकार के मुफ्त राशन पर जिंदा
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इस बार नहीं चल पाएगा मोदी का 'चमत्कारिक' छवि का जादू, पीएम को राहुल के अलावा नहीं मिल रहा कोई दूसरा मुद्दा
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राम पुनियानी का लेखः क्या अन्य धर्मों के खिलाफ फोबिया और इस्लामोफोबिया में कोई फर्क है?
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'केपटाउन' बनने की कगार पर बेंगलुरु, पानी की भीषण किल्लत से जूझ रहा शहर
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आकार पटेल का लेख: निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव का नारा सिर्फ छलावा, धांधली और फिक्सिंग की आशंका
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लोकतंत्र लोगों से बनता है, हुक्मरानों का मोहताज नहीं
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विष्णु नागर का व्यंग्य: चार सौ सीटों का दावा है फर्जी, निर्मला सीतारमन ने खोल दी बीजेपी की पोल!
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तथाकथित विकसित भारत है बंधुआ मजदूरी में विश्वगुरु, वैश्विक स्तर पर लगभग 5 करोड़ लोग आधुनिक गुलामी की चपेट में
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