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हाथरस कांड: सरकारी लीपापोती की शर्मनाक कोशिश के साथ ही सभ्य समाज की समझ पर भी खड़े होते हैं सवाल

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विष्णु नागर का व्यंग्यः मोदी-योगी का हाईस्पीड विकास, जो उनके सिवा किसी और को नहीं दिखता!

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उत्तर प्रदेश में ‘योगी राज’ में दलित उत्पीड़न चरम पर, सामंत-माफिया-धनबल की तिकड़ी है बड़ी वजह

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खरी-खरी: यूपी को सामंती-जातिवादी शासन और सांप्रदायिक राजनीति के चक्रव्यूह से बचाने के लिए 'योगीराज' के अंत का समय

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राम पुनियानी का लेख: बापू के राष्ट्रवाद को दरकिनार कर गोडसे की विचारधारा को प्रोत्साहित करने का अभियान

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आकार पटेल का लेख: न लोकतंत्र बचा है, न नागरिक अधिकार, आखिर ऐसा कैसे बन गया भारत!

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मृणाल पांडे का लेख: मोदी सरकार ने पहले संसद से लेकर सड़क तक चलाए ‘कानूनी’ मूसल, बिगड़े हालात तो झांक रही बगलें

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बिहार चुनाव: महामारी से राज्य त्रस्त, नौकरियां अस्त, मजदूर पस्त, पर नीतीश सरकार मस्त!

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किसी भी सरकारी फैसले पर सवाल उठाना आखिर राजनीति कैसे! लोकमुक्ति का मार्ग तो राजनीति ही है

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विष्णु नागर का व्यंग्यः जिसकी लाठी, उसकी भैंस और जहां योगी भी हो, छप्पन इंची भी हो, तो कौन किसे रोकेगा!

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जैव-विविधता पर अंतरराष्ट्रीय पहल से भारत ने काटी कन्नी, पर्यावरण संरक्षण सिर्फ लच्छेदार भाषण तक सीमित

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