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जनतंत्र
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राम पुनियानी का लेख: असुरक्षा का भाव चमका रहा है बाबाओं का धंधा
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आकार पटेल का लेख: धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार और भारत के मौजूदा कानून
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जॉर्ज ऑरवेल के मनहूस देश ओशीनिया से काफी कुछ मिलने लगा है भारत, सत्य को खत्म करने की निरंतर कोशिश
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अग्निपथ नहीं, ‘विनाशपथ’ कहिए जनाब!
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विष्णु नागर का व्यंग्य: 2014 से पहले का भारत, न सड़कें थीं, न पुल...!
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केवल भाषणों में कम हो रहा है जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद
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प्रवासी मजदूरों को बेहतर सुरक्षा और न्याय की जरूरत, श्रम-विभाग को और सक्रिय होना होगा
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राम पुनियानी का लेख: राहुल गांधी का हिन्दू धर्म बनाम आरएसएस का हिंदुत्व
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लेकर विपक्ष को अतिरिक्त सतर्क रहना होगा
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विष्णु नागर का व्यंग्य: टपकते-दरकते भारत को 'विकसित' बनाने का संकल्प छोड़ दो प्लीज़
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मीडिया और सत्ता के लिए बदल गई है विकास की परिभाषा, ये जो देश है, एक अजूबा है!
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